गायत्री जयंती क्यों और कैसे मनाया जाता है?
गायत्री जयंती क्यों मनाया जाता है? आप सभी में से बहुत लोग जानते होंगे तो बहुत लोग जानते तो होंगे लेकिन अधूरा ही जानते हैं.
हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र का काफी महत्व होता है तो आप बोलेंगे गायत्री मंत्र जानते हैं लेकिन गायत्री जयंती के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं तो फिर गायत्री मंत्र और गायत्री जयंती में क्या कनेक्शन है?
इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि गायत्री जयंती क्यों और कैसे मनाया जाता है इस कथा के इतिहास का महत्व आखिर क्या है?
• गायत्री जयंती के दिन गायत्री मंत्र का उच्चारण किया जाता है.
• हिंदू धर्म में चार वेद हैं इन सभी की उत्पत्ति गायत्री मंत्र के द्वारा ही हुई थी ऐसा माना जाता है.
क्या है गायत्री जयंती संक्षेप में?
गायत्री माता को वेदमाता भी कहा जाता है. इन्हीं के द्वारा एवं ज्ञान से ब्रह्मा, विष्णु और महेश को शक्ति मिली थी. हिंदू धर्म में गायत्री जयंती का विशेष महत्व होता है. गायत्री मंत्र पढ़ा जाता है.
चारों वेदों इन्हीं की उत्पत्ति मानी जाती है. तीनों देवताओं की पूजा गायत्री माता के कारण ही होता है. प्रत्येक वर्ष गायत्री जयंती ज्येष्ठ मास के शुक्ल एकादशी को मनाया जाता है.
गायत्री जयंती क्या है?
माता गायत्री को हिंदू देवी देवताओं में सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं. गायत्री जयंती हिंदुओं का प्रमुख पर्व है माता का आशीर्वाद पाने के लिए गायत्री माता की जयंती मनाई जाती है.
इसे जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है. सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती के अवतार गायत्री माता ही है. गायत्री जयंती ज्येष्ठ महीना के शुक्ल पक्ष की दशमी और एकादशी को आती है.
यह दिन गायत्री माता के लिए खास दिन होता है. इस दिन गायत्री मंत्र पढ़कर उनसे वरदान मांगते हैं. गायत्री को वेदमाता भी कहा जाता है क्योंकि सभी शास्त्र और सभी सुरतिया माता गायत्री से ही उत्पन्न हुए थे ऐसा माना जाता है.
हिंदी और अंग्रेजी में गायत्री जयंती Gayatri Jayanti कहा जाता है. इसे गायत्री जयंती, गायत्री जन्मोत्सव, माता गायत्री जन्मतिथि के नाम से भी जानते है.
गायत्री जयंती प्रत्येक वर्ष मनाई जाती है. भारत में हर कोने में गायत्री जन्मोत्सव धूमधाम से मनाई जाती है.
गायत्री जयंती कब मनाया जाता है?
कई लोग गंगा दशहरा और गायत्री जयंती को एक साथ मनाते हैं तो कई जगह पर इसी पर्व को श्रावण पूर्णिमा को भी मनाए जाते हैं.
हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तारीख को मनाया जाता है. इसी दिन गायत्री की उत्पत्ति मानी जाती है. गेगोरियल कैलेंडर के अनुसार जून के महीने में मनाते हैं.
इस माह में ग्रीष्म ऋतु रहती है. कुछ लोगों का इस पर अल्पमत है. अलग-अलग तारिखों को भी मनाते हैं.
गायत्री जयंती क्यों मनाया जाता है?
धार्मिक दृष्टि से चारों वेदों की उत्पत्ति मां गायत्री से हुई थी ब्रह्मा जी के मुख में पहली बार प्रकट हुई थी. इन्हीं ज्ञान से वेदों को इकट्ठा कर चारों वेदों की रचना हुई. चारों वेदों का सार गायत्री मंत्र में मिलता है.
मां गायत्री का अवतरण ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हुई थी. गायत्री जयंती के दिन मां गायत्री का जन्म उत्सव मनाने के लिए उनकी पूजा कर गायत्री मंत्र पढ़ते हैं. इसे ज्ञान वेद भी कहा जाता है.
बहुत समय तक यह साधारण मनुष्य को लाभ नहीं मिल पाता था. विश्वामित्र के कठोर तपस्या से महिमा कर हर जन-जन तक पहुंचाया.
इसी खुशी में हर वर्ष गायकी जयंति के रूप में मनाया जाता है.
निष्कर्ष :-
इस पोस्ट के माध्यम आप समझे कि गायत्री जयंती क्यों और कैसे मनाया जाता है.
बहुत बहुत धन्यवाद!