नरक चतुर्दशी पर निबंध। Narak Chaturdashi Essay in Hindi
नरक चतुर्दशी भारत के हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। मुक्ति पाने के लिए इस त्यौहार को मनाने की परंपरा है जो बहुत दिनों से मनाते आ रहे हैं। यह त्यौहार खुशी के साथ-साथ मनोकामनाएं पूर्ण होता है।
बड़े हर्षोल्लास के साथ इस त्योहार में भाग लेते हैं लेकिन कई सारे पुण्य के काम करने पड़ते हैं जिससे आपकी इच्छा पूरा हो सके।
इससे लोगों के दिल में खुशी होती है और मानवता को बढ़ावा देने के लिए पुण्य मिलता है। नरक चतुर्दशी पर निबंध इन हिंदी तथा नर्क चतुर्दशी पर निबंध हिंदी में 10 लाइन हिंदी के माध्यम से पढ़ सकते हैं।
नरक चतुर्दशी के पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। दीपावली के साथ-साथ नरक चतुर्दशी का त्यौहार भी महत्त्व काफी अधिक माना जाता है। भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं। उनमें आपस में मिलजुल कर उत्सव को मनाते हैं। तो चलिए छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी पर निबंध हिंदी में देख सकते हैं।
नरक चतुर्दशी पर निबंध या छोटी दिवाली पर निबंध 500 शब्दों में। Narak Chaturdashi Essay in Hindi
नरक चतुर्दशी या छोटी दीवाली हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। इस त्यौहार का महत्व काफी अधिक होती है दीपावली के 1 दिन पहले नरक चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है। इसे काली चौदस भी कहा जाता है। इस दिन श्री कृष्ण जी की पूजा का विशेष विधान है।
रात को दीपो के समूह से सजाया जाता है। ये कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को आने वाले तिथि को नरक चतुर्दशी मनायी जाती है।
इस त्यौहार को रूप चौदस भी कहा जाता है। भारत के हर राज्य में छोटी दीवाली के नाम से भी जाना जाता है।
हिंदू आस्था का बड़ा पर्व माना गया है। इस त्यौहार के पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। इसके बाद छोटी दिवाली, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज कुमशः पर्व मनाए जाते हैं इसलिए लगातार त्यौहार आने के कारण खुशियां कई गुणा बढ जाती है।
कृष्ण जी ने 16000 स्त्रियों के सम्मान के लिए शादी किए थे क्योंकि नरकासुर गलत ढंग से शादी कर उसे सताया करता था। महिलाओं के आत्मसम्मान से जीने के लिए उस राक्षस से बचाया था।
नरक से मुक्ति की अभिलाषा पाने के लिए यह त्यौहार मनाते हैं। इसके विषय में कई कथाएं की मान्यता बताई जाती है। सबसे प्रसिद्ध कथाएं में बताया गया है कि नरकासुर ने कई राजाओं एवं कई लोगों की बीवियां सुंदर सुंदर कन्या पत्नी को अगवा कर जेल में डलवा देता था।
उसका शोषण एवं चीर हरण किया करता था। श्रीकृष्ण ने यह सब देखकर सभी स्त्रियों को आजाद कराया उन्हें सम्मान देने के लिए उन सभी स्त्रियों से शादी कर लिए इसी खुशी को व्यक्त करने के लिए दीयो की टोली सजाया और दीपों की कतार लगाया गया था।
इसी उपलक्ष्य में नरकासुर से मुक्ति पाने के संदेश के साथ नरक चतुर्दशी मनाया जाता है। प्रतिवर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाते हैं। यह धनतेरस के दूसरे दिन एवं दीपावली के पूर्व आती है।
ग्रेगोरियल कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। ठंडी का मौसम शुरू हो जाती है।
इस दिन विष्णु एवं कृष्ण जी की विशेष पूजा की जाती है। इन सभी के मंदिरों को पवित्र किया जाता है। सुन्दर ढंग से सजाया जाता है।
कृष्ण के मंदिरों में दर्शन एवं पुष्प अर्पित करने के लिए जाते हैं नरक से मुक्ति पाने के लिए कई पुण्य काम भी किया जाता हैं।
गरीबों साधुओं को दान देना पशु पक्षियों को भोजन खिलाना असहाय को सहारा या दान में देना यह सभी पुण्य के काम है। इस दिन स्पेशल रूप से पुण्य दान किया जाता है।
सूर्योदय के पहले स्नान करने के पूर्व तिल के तेल शरीर में लगाते एवं चिरचिरी के पत्ते पानी में डालकर शरीर पर डाला जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अकाल मृत्यु से बचने एवं स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए छोटी दिवाली के दिन शाम के वक्त द्वार पर एवं घर के चारों ओर दिए जलाए जाते हैं। घर से बुराई एवं बुरी शक्ति को घर से बाहर निकालने के लिए दीया लेकर घर को दिखाते हैं।
आवाज के साथ घर से कहीं दूर छोड़ आते हैं। घर से दरिद्रता को नाश करने के लिए मंत्र का उच्चारण की जाती है ताकि देवी लक्ष्मी को जगह मिल सके।
इसी दिन काली चौदस भी मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में काली पूजा दुर्गा पूजा को प्रथम स्थान देते हैं।
काली चौदस के दिन मां काली के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन काली जी की पूजा की जाती है।
काली हिंदू देवियों में से सबसे महत्वपूर्ण है इसलिए काली चौदस को मनाया जाता है रात्रि में मां काली की पूजा होती है।
नर्क चतुर्दशी पर निबंध हिंदी में 10 लाइन। 10 lines Narak Chaturdashi Essay in Hindi
2). भारतीय हिंदुओं का पवित्र त्यौहार के रूप में मनाते हैं।
3). नरक चतुर्दशी दीपावली के पूर्व की संख्या को मनाए जाती है।
4). यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार से कार्तिक माह के कृष्ण चतुर्दशी को धूमधाम से मनाया जाता है।
5). श्री कृष्ण एक भयंकर रूप के दानों का सहार किया था इसलिए नरक चौदस मनाया जाता है।
6). दीपावली के 1 दिन पहले नरक चतुर्दशी नरक चौदस आने के कारण इस त्यौहार को छोटी दीपावली कहा जाता है।
7). दीपावली का त्यौहार का आगमन इसी दिन से हो जाती है।
8). हिंदू त्योहारों की श्रृंखला शुरू हो जाती है नरक चतुर्दशी के पहले धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज शामिल है।
9). दीयो की श्रृंखला को सुंदर आकृति सुंदर तरीकों से सजा कर मनाया जाता है।
10). भारत में विदेशों में नरक चतुर्दशी को उतने ही उत्साह के साथ मनाते हैं जैसे और त्यौहार मनाई जाती है।