पारसी नव वर्ष पर निबंध हिंदी में। Parsi New Year Essay in Hindi
पारसी नववर्ष पारसी समाज का सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। पारसी का सबसे प्रमुख त्यौहार है।
भारत देश का सबसे छोटा आबादी वाला धर्म माना जाता है लेकिन कई लोग इसे पारंपरिक त्योहार के रूप में हर वर्ष धूमधाम से मनाते है।
इन परिवारों के घर में खुशियां का माहौल रहता है। पारसी ईरान से निकला हुआ धर्म माना जाता है। पारसियों के लिए इसी दिन से न्यू ईयर को अद्भुत तरीके से मनाते है।
पारसी नव वर्ष पर निबंध तथा पारसी धर्म का नए साल पर निबंध हिंदी में 10 लाइन माध्यम से इस निबंधन को पढ़ सकते हैं।
भव्य तरीकों से खुशी मनाने के लिए लोग फूलों को खरीदते हैं। मंदिरो में पूजा करने जाते है। 5 दिनों तक चलने वाला त्योहार माना जाता है इसीलिए इसकी तैयारी भी शानदार होती है। तो चलिए पारसी नव वर्ष पर निबंध हिंदी में के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।
पारसी नव वर्ष पर निबंध 500 शब्दों में। Parsi New Year Essay in Hindi
पारसी धर्म में तीन सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार माने जाते हैं। हरेक वर्ष तीन त्यौहार को पारसी समुदाय के द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। इन्हीं में से सबसे बड़ा त्यौहार पारसी नव वर्ष नवरोज को माना जाता है। पारसी नव वर्ष को नवरोज या नौरोज भी कहा जाता है। दो शब्दों के मेल से बना है इसका संधि विच्छेद नव + ऊज होता है।
नवरोज का अर्थ नया होता है रोज का अर्थ दिन होता है यानी नया दिन। पारसी धर्म का जन्म इरान में हुआ था। इन्हीं देशों से अपने धर्म को बचाने के लिए धर्म परिवर्तन के विपरीत जाकर अन्य देशों में फैला इनकी आबादी भारत में अच्छी खासी मानी जाती है।
सीमित आबादी होने के कारण सबसे छोटा धर्म माना जाता है हालांकि अपनी परंपरा संस्कृति को बचाने के लिए कई सारे धार्मिक नियम भी बनाए जाते हैं।
पारसी में नवरोज, भगवान जरस्थु जयंति तथा 31 मार्च नव वर्ष मुख्य रूप से मनाए जाते हैं। भगवान प्रोफेट जरस्थु पारसी धर्म के संस्थापक व पूजनीय माने जाते हैं। इन सभी पर्वों में भगवान जरस्थु की पूजा की जाती है।
प्राचीन धर्मों में से एक है। पारसी धर्म पारसी समुदाय द्वारा अपने पूर्वजों की याद में उनके आत्मा की शांति के लिए 5 दिनों तक गाथा गाया जाता है। पारसी नववर्ष में 360 दिन का वर्ष लगता है बाकी शेष तीनों में पूर्वजों के नाम लेते हैं।
पारसी न्यू ईयर सेलिब्रेशन करने से पहले 5 दिन इंतजार किया जाता है। इस उपरांत पूजा-पाठ अर्चना करनी शुरू हो जाती है। ईरान देश में इसी नवरोज न्यू ईयर को 31 मार्च को मनाया जाता है जबकि भारत में रहने वाले पारसी समुदाय अगस्त के महीने में नवरोज को मनाते हैं।
इस परंपरा को लगभग 3000 वर्षों से अधिक हो गई है। धार्मिक रूप से पारसी के लिए खास अवसर होता है। इस धर्म के संस्कृति नवरोज से जुड़ी मानी जाती है।
गांव में रहने वाले पारसी कई सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाते आ रहे हैं। इंडिया के कुछ राज्य में पारसी का बड़ा तबका रहता है। महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में खास रूप से मनाया जाता है।
पवित्र जल को घर में छिड़ककर नए कपड़े पहन कर जरास्थु के मंदिर में पुष्प अर्पित करने के बाद पूजा की जाती है। फूलों की सजावट से मंदिर आकर्षित बना दिया जाता है। इस दिन तरह-तरह के व्यंजन का स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं। लोगों के साथ शेयर भी किया जाता है। मेहमानों को खास बधाइयां दी जाती है। सेवा सत्कार का पुण्य काम भी किया जाता है।
इकट्ठा होकर मनाने का महत्व भी होता है इस दिन धार्मिक रूप से छुट्टी रहती है। साल का स्वागत बड़े धूमधाम से करते हैं। अग्नि को शुभ माना जाता है। घरों मंदिरों में दीपक और उमाद जलाया जाता है। चंदन की लकड़ी से सुगंधित किया जाता है। शुभकामनाएं का संदेश दूसरों को दिया जाता है। बड़े-बड़े नेतागण पारसी की खुशी में भाग लेते हैं।
पारसी समुदाय का बड़ा समूह अपनी निजी जिंदगी को सुरक्षित रखने के लिए शहरों की ओर रुख किया है इसलिए पहले की अपेक्षा में कम लोग इस पर्व को मनाते हैं।
पारसी को धर्म परिवर्तन के खिलाफ में रहकर बड़े समूह ईरान देश छोड़ भारत देश में आए यहां पर उन्हें सुरक्षित एवं स्वतंत्र रूप से अच्छा लगा। तब से यहां पर समुद्र के रास्ते गुजरात और आसपास के राज्य में बस गए।
पारसी धर्म का नए साल पर निबंध हिंदी में 10 लाइन। 10 Lines Parsi New Year Essay in Hindi
1). पारसी नववर्ष पारसी समुदाय का सबसे खास त्यौहार है।
2). भारत में सबसे कम आबादी पारसी धर्म का माना जाता है। अपने पूर्वजों की परंपरा के अनुसार सभी त्योहार को मनाते हैं।
3). पारसी में तीन मुख्य त्योहार है इसमें पारसी नववर्ष भी शामिल है।
4). पारसी नववर्ष पारसी अनुयायियों के लिए पवित्र दिन कहा गया है।
5). पारसी नववर्ष को खौरदाद साल भी कहा जाता है।
6). हर वर्ष पारसी न्यू ईयर 16 अगस्त को मनाया जाता है जबकि ईरान में कहीं-कहीं 31 मार्च को भारतीय नव वर्ष के रूप में मनाते हैं।
7). पारसी न्यू ईयर को नवरोज या जमशेदी नवरोज भी कहा जाता है।
8) नवरोज का अर्थ होता है नया दिन।
9). पारसी में 360 दिन का वर्ष लगता है बाकी बच्चे से 5 दिन गाथा गाकर अपने पूर्वजों को याद किया जाता है।
10). पारसी धर्म के संस्थापक प्रोफेट जरस्थु को माना जाता है विश्व भर में रहने वाले वार्षिक के लिए खुशी का त्यौहार है।
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