मजदूर दिवस पर निबंध। Essay on World Labour Day in Hindi
मजदूर दिवस पर निबंध हिंदी में
मजदूर दिवस भारत के श्रमिकों को छुट्टी का स्पेशल दिन माना जाता है। इस दिन मजदूरों को सम्मान देने के लिए श्रमिक दिवस के रूप में विश्व भर में मनाया जाता है। इस दिवस को सबसे पहले अमेरिका और इंग्लैंड में मनाया गया था बाद में यह विश्व भर में इसकी तारीफ की गई और पूरे विश्व भर इस दिवस को मनाया जाने लगा। मजदूर को देश की रीढ़ मानी जाती है। उनका योगदान अर्थव्यवस्था को हमेशा बढ़ाने का होता है जिससे देश की प्रगति में रुकावट ना आ सके मजदूर दिवस 1 मई को मनाया जाता है। एक झलक चेहरे पर खुशियां लाने के लिए ऐसे दिवस मनाने का अलग नजारा होता है। आज मजदूर दिवस पर निबंध इन हिंदी तथा विश्व श्रमिक दिवस एस्से इन हिंदी 10 लाइन के माध्यम से पढ़ सकते हैं।
मजदूर इन दिनों का इंतजार बेसब्री से करते हैं। उनके अधिकारों एवं उनके मुद्दे पर बातें की जाती है। उनके वेतन मान को बढ़ाने के लिए सरकार गंभीरता दिखाती है। श्रमिक दिवस के दिन को आराम का दिन माना जाता है। श्रमिक वर्ग के परिवार में खुशी का माहौल रहता है। तो चलिए मजदूर दिवस पर निबंध के बारे में पढ़ सकते हैं
मजदूर दिवस पर निबंध 600-650 शब्दों में। Essay on World Labour Day in Hindi
मजदूर दिवस को ही श्रमिक दिवस कहा जाता है। मजदूरों के हित में मनाया जाने वाला सबसे प्यारा दिवस माना जाता है। विश्व भर में मजदूरों को सम्मान देने के लिए श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। मई के पहले तिथि को श्रम दिवस के रूप में मनाते हैं। उनकी भावनाओं का कद्र करने के हिए 1 मई को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न देशों में सम्मान की नजर से इस उत्सव को सेलिब्रेट किया जाता है। मजदूर का विशेष दिन माना जाता है अधिकांश देशों में इस दिवस को अवकाश के रूप में मनाते हैं। श्रमिक को मजदूर, सेवक, कुली, दास इत्यादि कहा जाता है। श्रमजीवी, कर्मी, कारीगर, कमकर लगभग हर देशों में श्रमिकों की बड़ी आबादी रहती है। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मजदूरों का अहम योगदान माना जाता है।
मजदूर प्रत्येक देश की रीड होती है इसी की वजह से ही सभी काम समय से होता है जिससे किसी तरह की समस्या या शिकायत का मौका नहीं देता है। हमेशा किसी चीज की नींव रखने या बनाने में मजदूरों की जरूरत होती है। अपने हार्ड वर्क कठिन परिश्रम मेहनत से बड़े-बड़े काम करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 से की गई थी। अमेरिका से शुरू होकर विश्व के सभी देशों में मनाया जाने लगा अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है। मजदूर दिवस को कुछ देशों में अलग-अलग तिथि को भी मनाते हैं। बांग्लादेश अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया अक्टूबर में मनाते हैं लेकिन अधिकतर देश हर वर्ष मई की पहली तारीख को 1 मई को ही मनाते हैं। इस दिन मजदूरों के अधिकारों के लिए संवेदनशील रहना उसके निवेदन को स्वीकार किया जाता है। इसका उद्देश्य मालिक और श्रमिक में अंतर को हटाने के लिए अधिकारों की बात करने के लिए सम्मान देने के लिए महत्व देने के लिए धन्यवाद देने के लिए कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।
मजदूर दिवस मनाने के पीछे एक घटना को महत्वपूर्ण माना गया है। पहले मजदूरों पर शोषण किया जाता था। 10 से 15 घंटे तक प्रतिदिन काम करवाया जाता अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद किया लेकिन इस आवाज को दबाने के लिए भीड़ में गोली चलवा दिया गया। इस घटना में सैकड़ों मजदूरों की मौत हो गई यह खबर दुनिया भर में फैल गई और उस सरकार की निंदा की गई सरकार मजदूरों की आवाज सुनने के लिए मजदूरों का स्वागत किया और उन्हें मजदूरों को सम्मान देने व अधिकार देने मजदूर दिवस मनाए जाने की घोषणा किया। जो प्रतिवर्ष 1 मई को मनाया जाने लगा यह घटना अमेरिका देश में हुई थी।
भारत देश में मजदूर दिवस पहली दफा 1 मई 1930 को मनाया गया। सिंगरावेलू चेय्यार की अध्यक्षता में मद्रास हाई कोर्ट में मजदूर दिवस का आयोजन किया गया था। मजदूरों के हक की आवाज उठाने एवं पूर्ण अधिकार मिले इसीलिए हर वर्ष 1 मई को पूरे भारतवर्ष में श्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मजदूरों के पक्ष में अधिकार बनाए जाने लगे मजदूरों को 8 घंटे तक ही काम किया जाना चाहिए। मेडिकल व उनकी सुरक्षा का ध्यान भी रखा जाना चाहिए। उन्हें सम्मान की नजर से उनका अधिकार सुरक्षित रहना चाहिए। समय से वेतन और समय के अनुसार वेतन मिले सप्ताहिक छुट्टी होनी चाहिए। ऐसी अनेकों चीज जिससे मजदूरों को प्रसंता मिले उस पर सरकार की ओर से कदम उठाए जाते हैं। उनकी सुनवाई पर अमल हो और जल्द उनको संतुष्ट किया जा सके ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है।
यह एक दिवस है इस दिन अवकाश के रूप में मजदूर दिवस मनाया जाता है। कुछ देशों में अलग-अलग तारीखों में श्रमिक दिवस को मनाते हैं। अप्रैल के माह में बांग्लादेश अक्टूबर के माह में ऑस्ट्रेलिया में मनाई जाती है। मजदूर संगठन तथा दोस्तों के बीच मनाना पसंद करते हैं। पिकनिक घूमना एक साथ मिल बैठकर खाना खाना मिठाई बांटना इत्यादि तरह के आयोजन कर मजदूर दिवस को मनाया जाता है। कई मजदूर संगठन अधिकार के लिए रैली निकाला जाता हैं। नाचना गाना बजाना संस्कृति फंक्शन कर खुशी को प्रकट किया जाता है इसमें मजदूर की भावना गहराई से जुड़ी होती है।
विश्व श्रमिक दिवस पर निबंध । 10 लाइन। 10 lines Essay on World Labour Day in Hindi
1). मजदूर दिवस पर मई दिवस भी कहा जाता है क्योंकि माई के पहले किसी को यह दिवस मनाई जाती है।
2). अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस श्रम दिवस के नाम से भारत समेत तमाम देशों में मनाया जाता है।
3). प्रतिवर्ष 1 मई को विश्व भर में मजदूर दिवस मनाते हैं।
4). मजदूरों को सम्मान देने के लिए छुट्टी के रूप में बनाया गया था।
5). पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई 1886 को संयुक्त राज्य अमेरिका के शिकागो में मनाया गया था।
6). मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य क्या होता है कि मजदूरों के अधिकार के प्रति जागरूक करना विश्व के हर देशों में यह बहुत जरूरी होता है।
7). मजदूरों को रीढ़ की हड्डी कहा जाता है क्योंकि जहां मजदूर होते हैं उस देश की अर्थव्यवस्था प्रगति करती है।
8). भारत में इसकी शुरुआत 1 मई 1923 से हुई थी।
9). श्रमिक मजदूर अपनी शक्ति को खर्च कर श्रम में लिया जाता है सभी मजदूर ऐसे सम्मान को देखकर प्रसन्न होते हैं।
10). 1 मई को देश दुनिया के हर भाग में मजदूर के लिए छुट्टी रहता है।
मजदूर दिवस के निबंध में क्या जानकारी मिला:-What information was found in Labour Day essay: -
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