महावीर जयंती पर निबंध। Essay on Mahavir Jayanti in Hindi
महावीर जयंती पर निबंध हिन्दी
महावीर जयंती जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर का जन्म उत्सव है। जो मार्च या अप्रैल के महीने में बड़े ही हर्षोल्लास एवं आनंद के साथ मनाया जाता है। जैन अनुयायियों का सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसकी खुशियां इस दिन विशेष रूप से देखने को मिलती है। अपने विचारों एवं बातों से लोगों को आकर्षित करते हैं। जैन धर्म में सबसे बड़े भगवान के रूप में जाने जाते हैं। आज महावीर जयंती पर निबंध इन हिंदी तथा महावीर जैन जयंती निबंध हिंदी में 10 लाइन हिंदी के माध्यम से इस निबंध को पढ सकते हैं।
महावीर जयंती आने से पहले उनके मंदिरों को सजाया जाता है। इसकी तैयारियां अनेकों प्रकार से की जाती है। बिहार में जोरों शोरों से उनकी जयंती मनाई जाती है। लोग जैन धर्म को मानने वाले कई दिनों से इंतजार करते हैं। सामूहिक रूप से यह त्यौहार मनाई जाती है। तो चलिए महावीर जयंती पर निबंध हिंदी के बारे में पूरी जानकारी देखे।
महावीर जयंती पर निबंध 600-650 शब्दों में। Essay on Mahavir Jayanti in Hindi
महावीर जयंती जैन धर्म का धार्मिक त्योहार माना जाता है। इस धर्म में सबसे महत्वपूर्ण जयंति इन्ही का माना जाता है। महावीर जैन धर्म के सबसे बड़े भगवान हैं। इनकी पूजा भक्ति भाव से इस दिन की जाती है। भारत में पारसी के बाद जैन धर्म सबसे छोटा धर्म माना जाता है। इस धर्म का उदय बिहार के वैशाली में हुआ था इसलिए जैन धर्म के प्रवर्तक माने जाते हैं। भगवान महावीर जी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। इनके जन्म जयंती को मनाने के लिए हर साल जन्म उत्सव के रूप में खुशी आनंद एवं मानवता के साथ इस त्यौहार को मनाया जाता है। मार्च या अप्रैल के महीने में जैन द्वारा इस उत्सव को देश भर में मनाया जाता है। विदेशों में भी जैन धर्म को मानने वाले लोग महावीर जयंती को मनाते हैं। महावीर को वर्धमान भी कहा जाता है। इस दिन को महा वीर जयंती या वर्धमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
अपने धार्मिक भावनाओं को खुशी खुशी प्रकट करने एवं उनको याद करने के लिए बड़े स्तर पर मनाया जाता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के 13वें दिन महावीर जयंती का जन्म वैशाली जिला के कुंडल गांव में हुआ था। लगभग 540 ईस्वी पूर्व में माना जाता है। महावीर जयंती की छुट्टी की घोषणा रहती है। स्कूल कॉलेजों एवं संस्थान बंद रहते हैं। मूल उद्देश्यों को स्थापित करने में अपना सब कुछ लगा दिया।
महावीर के जन्म से पहले मां को अच्छे अच्छे सपने आया करते थे ऐसा माना जाता है उस जमाने में जात पात में बट गए भेदभाव हिंसा बुराई के रास्ते बहने लगी उस समय महावीर जी का जन्म हुआ था। उनके माता जी का नाम त्रिशला देवी और पिता जी का नाम सिद्धार्थ था। इनका जन्म शाही परिवार में हुआ बचपन से ही सबसे बलशाली होने की वजह से इनका नाम महावीर पड़ा। महावीर के अनेक नाम है अतिवीर, जिन, निर्ग्रथ, महावीर, अर्हत काफी समय बाद जिन के नाम से जैन धर्म की स्थापना हुई। बचपन में महावीर को वर्धमान नाम था। जैन धर्म को मानने वालों के लिए महावीर जयंती एक त्यौहार के रूप में मनाते हैं। इन्हीं को स्मरण करने के लिए जैन मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं। महावीर जन्मोत्स को हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं। जैन धर्म के अंतिम 24वें तीर्थ कर थे हर वर्ष धूमधाम से महावीर जयंती चैत्र शुक्ल के 13वें तिथि को मनाया जाता है। यह अप्रैल के महीना में मनाया जाता है।
भगवान महावीर ने जैन धर्म के पंचशील सिद्धांतों को बताया अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य तथा अपरिग्रह
अहिंसा - अहिंसा की ऐसी कोई भावना नहीं रखी जानी चाहिए जिससे उसके वैल्यू कम होती है। अपने जैसा दूसरों को भी प्रेम करनी चाहिए।
सत्य -मनुष्य को हमेशा सत्य के साथ जीना चाहिए।
अस्तेय - जितना मिला है कीमती चीज है। उसी से संतुष्ट रहना चाहिए दूसरों की चीजों को चुराना बिल्कुल नहीं चाहिए।
ब्रह्मचर्य - मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति का द्वार है।
अपरिग्रह - मोह माया दुख का कारण बना सकती है इसलिए संसारी चीज पर मोह नहीं करनी चाहिए।
इस दिन महावीर मंदिर में जैन अनुयायी का भीड़ उमड़ते हैं। पंचशील के झंडों से मंदिर के प्रांगण को सजाया जाता है। भारत के विभिन्न राज्य में महावीर जी के मंदिर बनी होती है। सुबह स्नान करके महाम्बीर जी के मंदिर में पूजा करने के लिए जाते हैं। कई दीन दुखियों को जरूरत के अनुसार सामग्री बांटी जाती है। इसमें खाना, पैसे, कपड़े इत्यादि देते हैं एक विशेष पर्व है उत्साह के साथ महावीर जयंती को मनाई जाती है।
महाबीर जी की शादी यसोदा से हुई यशोदा कलिंग नरेश की बेटी थी। तीस की आयु में बड़े भाई की आज्ञा लेकर अपना सारा चीज त्याग कर तपस्या करने चले गए उनसे कैवल्य ज्ञान को जाना।
कार्तिक माह की अमावस्या को पावापुरी में भगवान महावीर ने अपनी मर्जी से अपने शरीर का निर्वाह किया भारत के पड़ोसी देशों में भी महावीर जयंती की धूम रहती है। भूटान में जैन धर्म की बड़ी आबादी रहती है इनके जन्म उत्सव के दिन महावीर जयंती मनाई जाती है।
महावीर जैन जयंती निबंध हिंदी में 10 लाइन। Essay on Mahavir Jayanti in Hindi
1). महावीर जयंती जैन धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना गया है।
2). महावीर जी को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर के रूप में देखा जाता है जैन धर्म में भगवान माने जाते हैं।
3). इनकी जन्मदिन को मनाने के लिए महावीर जयंती के रूप में मनाते हैं।
4). महावीर जयंती प्रत्येक वर्ष क्षेत्र माह के शुक्ल त्रयोदशी को जन समुदाय द्वारा बनाया जाता है यह प्राया मार्च या अप्रैल के महीने में पड़ता है।
5). इसलिए महावीर जयंती की राष्ट्रीय अवकाश होती है।
6). महावीर जन्म कल्याणक के नाम से प्रसिद्ध है।
7). महावीर जी के मां का नाम रानी तीसरा तथा पिता का नाम सिद्धार्थ था।
8). जैन अनिल विश्व भर में महावीर जयंती धूमधाम एवं आनंद के साथ मनाते हैं।
9). महावीर स्वामी का जन्म 599 वर्ष ईसा पूर्व बिहार राज्य के कुंडल ग्राम में हुआ था।
10). जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर मोक्ष प्राप्ति के 188 वर्ष बाद महावीर जी का जन्म हुआ था।
महावीर जयंती के निबंध में क्या जानकारी मिला:-What information was found in Mahavir Jayanti essay: -
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