ईस्टर संडे पर निबंध। Essay on Easter Sunday in Hindi
ईस्टर संडे पर निबंध हिंदी में
ईस्टर संडे ईसाइयों का सबसे बड़ा त्यौहार है। ईस्टर को ही पास्का पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस फेस्टिवल का नाम मात्र से ही चेहरे पर मुस्कान उम्मीदें झलकने लगती है। ईसाई परिवार में इस त्यौहार को लेकर इतनी खुशियां मौजूद रहती है जैसा कि खुशियों का भंडार हमारे पास ही हो जीसस क्राइस्ट का जी उठने का दिन है। प्रभु यीशु मसीह मरने के तीसरे दिन जी उठे थे। इसी खुशी मे हर साल नाच-झूम कर इस पर्व को मनाते हैं। ईस्टर संडे पर निबंध तथा पास्का रविवार एस्से इन हिंदी 10 लाइन के माध्यम से इस निबंध को पढ़ सकते है।
इस समय सदाबहार मौसम रहता है, पेड़ पौधे में नई पत्तियां आ जाती है। मार्च या अप्रैल के महीने में ईस्टर का पर्व मनाते हैं। इसके पहले पाम संडे, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार तथा पवित्र सप्ताह के अंतिम दिन ईस्टर संडे का त्यौहार मनाते हैं। काफी दिनों की आशा इस दिन पूर्ण होता है। तो चलिए ईस्टर संडे पर निबंध हिंदी में दिया हुआ है।
ईस्टर संडे पर निबंध 500 शब्दों में। Essay on Easter Sunday in Hindi
ईस्टर संडे ईसाई समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र उत्सव माना जाता है। ईस्टर संडे को भारत में पास्का रविवार कहा जाता है क्रिसमस के बाद ईसाइयों का सबसे लोकप्रिय त्यौहार माना जाता है। विश्व भर में पवित्र कलीसिया इस पर्व को उत्साह जुनून उमंग के साथ मनाती है। जीसस क्राइस्ट पर बिलीव रखने वाले या जीसस बिलीवर को पवित्र कलीसिया का सदस्य माना जाता है। इन्हें ही कलीसिया के रूप में संबोधित किया जाता है। ईस्टर संडे को होलि संडे या ग्रेट संडे कहा जाता है। हर वर्ष अलग-अलग तिथियों में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे और ईस्टर सेटरडे मनाने के बाद ईस्टर संडे मनाया जाता है। पवित्र सप्ताह का सबसे खुशी का दिन माना जाता है।
जीसस क्राइस्ट महिमा के साथ जी उठे थे। यीशु मसीह मृत्यु के पश्चात तीसरे दिन जी उठे थे। इन्हीं संदेशों को सुनाने के लिए यह त्यौहार विश्व भर के चर्चों में मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च या अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। अन्य पर्वों की तरह इस पर्व की तिथि निश्चित रूप से घोषित नहीं है। इस दिन पुनरुत्थान दिवस के रूप में नई ताजगी के साथ होली ईस्टर को मनाते हैं। यह पर्व शांति दया क्षमा का संदेश देती है।
ईस्टर संडे को पुनर्जीवित यीशु की महिमा करने और पुनरुत्थान दिवस मनाने के लिए मनाया जाता है। यीशु मसीह की मृत्यु हो जाने के बाद कब्र में रखा गया था और तीसरे दिन फिर से जीवित हो गए इसी खुशी में ईसाई परिवारों में उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव पास्का इतवार के रूप में मनाया जाता है। मरियम मग्दलेना कब्र की ओर मुड़ी देखा कब्र के द्वार खुले पड़े हैं घबराते हुए येसु की मां मरियम और इसके शिष्यों के पास दौड़ी गई यह बातें सुन सभी कब्र की ओर दौड़े अन्य लोग सूचना पाकर चिंतित हो गए। कपड़े ज्यों का त्यों फैला पड़ा हुआ था क्योंकि वह मुर्दों में से जी उठे थे। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल अलग-अलग तिथियों में भी मनाया जाता है। इसका कोई निश्चित तिथि घोषित नहीं है। मार्च या अप्रैल के महीने में ज्यादातर बार मनाया जाता है।
ऐसे तो हर इतवार को पर्व के रूप में मनाते हैं लेकिन पास्का इतवार या ईस्टर संडे पवित्र सप्ताह का सबसे महत्वपूर्ण व अंतिम दिन है इसलिए इस दिन चर्चों में स्पेशल रूप से पास्का पर्व उत्सव को मनाया जाता है। चर्चों को खास एवं आकर्षक रूप से सजाया जाता है।
चर्च के आसपास के पेड़ों को सजाया जाता है दुनिया के सभी चर्चों में ईस्टर संडे का त्यौहार धूमधाम से मनाने का प्रयास करते हैं हालांकि ईस्टर के दिन मोमबत्ती एवं लाइटों का विशेष महत्व होता है। पापों पर पछतावा पश्चाताप करके मिस्सा बलिदान में भाग लेते हैं। येसु मसीह के दृष्टांतों का पाठ सुनाया जाता है। यीशु मसीह का स्मरण किया जाता है। पूजा समापन के बाद एक दूसरे को गिफ्ट देकर हैप्पी ईस्टर की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं। एक साथ मिलकर स्पेशल भोजन भी करते हैं। धर्म गुरुओं के द्वारा आशीष की प्रार्थना बीमारी, रोगियों के लिए प्रार्थना भी की जाती है। चंगाई सभा का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन की आशीष का पानी अपने अपने घरों में छिड़कते हैं और शांति पाने के लिए प्रार्थना की जाती है।
ईस्टर संडे क्रिसमस के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। ईसाई समुदाय का क्रिसमस के दिन यीशु मसीह का जन्म जयंती मनाई जाती है। ईश्वर के इकलौते पुत्र कहलाते हैं मनुष्य के गुनाहों से आजादी देने हेतु पृथ्वी पर जन्म लिए थे। पापों की खातिर लगभग 33 वर्ष की उम्र में मनुष्य के द्वारा दुख उठाने पड़े पवित्र सप्ताह के शुक्रवार को ठीक दोपहर 12:00 बजे क्रूस पर प्राण छोड़ दिए।। तीसरे दिन पुनः मृत स्थानों से जी उठे जिससे मनुष्य को उद्धार मिल सके इसी महान दिन के लिए उल्लसित होकर ईस्टर संडे मनायी जाती है। शहरों में ईस्टर संडे की धूम देखने को ज्यादा मिलती है।
पास्का रविवार एस्से इन हिंदी 10 लाइन। Essay on Easter Sunday in Hindi
1). ईस्टर संडे ईसाइयों का बहुत ही पवित्र त्यौहार है।
2). ईस्टर संडे गुड फ्राइडे के बाद के पहला रविवार को मनाया जाता है।
3). यह त्यौहार के पहले इसके पवित्र पाम संडे मात्री थर्सडे गुड फ्राइडे को होली सैटरडे मनाया जाता है।
4). ईस्टर संडे का अर्थ होता है यीशु मसीह अपने स्थान व महिमा के साथ जीवित होना अर्थात यीशु को मारा गया दफनाया गया और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठा।
5). इस दिन का पवित्र शब्द होता है आलिया इसका अर्थ होता है परमेश्वर की महिमा हो।
6). ईस्टर संडे को पास्का रविवार भी कहा जाता है।
7). पूरी दुनिया में पवित्र कलीसिया पास्का पर्व मनाती है।
8). ईसाई समुदाय जीवित परमेश्वर की महिमा करते हैं और चर्च में मिस्सा बलिदान चढ़ाते है।
9). भारत, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, चीन में ईस्टर संडे का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।
10). इसके तीसरे दिन की उठने की खुशी में ईस्टर का त्यौहार मनता हैं।
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