ईस्टर रविवार क्या है? आपसे अगर कोई पूछे तो क्या बोलेंगे शायद कुछ लोगों को पता नहीं होगा लेकिन जो यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं वे लोग ईस्टर रविवार किस दिन को कहा जाता है उन्हें पता होगा.
जो गुडफ्राइडे मनाते हैं उन्हें तो निश्चित रूप से पता होगा कि ईस्टर संडे
कब है 2022 में? ईस्टर रविवार क्यों और कैसे मनाया जाता है व इसके इतिहास का
महत्व क्या है? यह एक उत्सव है इसे लेकर लोग उत्साहित रहते हैं. इस लोकप्रिय
त्यौहार को गुडफ्राइडे के अगले दिन से इंतजार करते हैं यह एक ऐसा त्यौहार है
जिसको लेकर एक अलग ऊर्जा महसूस होती है.
फेस्टिवल हिंदी डॉट कॉम के साइट पर ईस्टर संडे से जुड़ी पूरी जानकारी मिलने
वाली है और कन्फ्यूजन समाप्त होने वाली है.
प्रमुखताएं ( Highlights )
• यीशु मसीह के पुनरुत्थान का बड़ा दिन है. इस दिन को ईस्टर या पास्का पर्व के रूप में मनाते हैं.
• इस वर्ष 2022 में ईस्टर रविवार 17 अप्रैल ( रविवार ) को मनाया जाएगा. जीवित परमेश्वर की महिमा किया जाता है.
• पवित सप्ताह की समाप्ति इसी अवसर के साथ अंत होती है. इस दिन का पवित्र शब्द "आल्लेलुया" है.
संक्षेप में ईस्टर संडे क्या है? short Easter kya hai?
गुडफ्राइडे के तीसरे दिन ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है. ईसाइयों का सबसे प्रिय त्यौहार है.
विश्व भर में यीशु मसीह के जी उठने के उपलक्ष में खुशी मनाया जाता है. मृत्यु के पश्चात कब्र में दफनाये गए और इसके तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे थे. पूरे जगत के लिए विश्वास का रहस्य एक ही है.
यीशु मर गए तथा दफनाये गए और तीसरे दिन मृतकों में जिलाएं गये. इसी को खुशी के रूप में व्यक्त करने के लिए हर वर्ष ईस्टर का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है.
चर्च में प्रार्थना की जाती है. विशेष रूप से प्रेम, दया एवं दया को समर्पित पर्व माना जाता है.
ईस्टर संडे क्या है? Easter kya hai?
ईस्टर संडे ईसाई समुदाय एवं विश्व के सभी लोगों का प्रमुख त्योहार है. पवित सप्ताह में से एक दिन को ईस्टर संडे कहा जाता है.
ईसा मसीह की मृत्यु हो जाने के पश्चात तीसरे दिन मृतकों में से उठे थे. पिता परमेश्वर की महिमा करने के लिए ईस्टर का त्यौहार मनाते हैं. जीवित ईसा मसीह की जय जयकार करते हैं.
प्रत्येक वर्ष ईस्टर संडे का त्यौहार मनाया जाता है जो गुड फ्राइडे के तीसरे दिन आता है. जीवित परमेश्वर के पुनरुत्थान के दिन को पास्का कहा जाता है.
हिंदी में पास्का रविवार कहा जाता है तो अंग्रेजी में ईस्टर संडे कहा जाता है. ऐसे पुण्य रविवार, पुनरुत्थान दिवस नाम से भी जाना जाता है. चर्च में बड़ी धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है.
काथलिक कलीसिया, रोमन कैथोलिक तथा अन्य ईसाई संगठन इस दिन को जोर शोर से ईश्वर की महिमा करते हुए इस त्योहार को मनाते हैं.
भारत देश के अलावा अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा एवं विश्व भर में ईस्टर संडे का त्यौहार मनाते हैं.
ईस्टर संडे कब मनाया जाता है? Easter kab manaya jata hai?
ईस्टर मनाने की तिथि निर्धारित तो नहीं है लेकिन मान्यताओं के आधार पर हर वर्ष 21 मार्च से 25 अप्रैल के बीच की अवधि में मनाया जाता है.
इसी तिथि को लेकर काफी दिनों तक पेच फंसा रहा और अलग-अलग तिथियों को मनाते रहे लेकिन हमेशा रविवार के दिन ही मनाया जाता है.
पवित्र सप्ताह में आने वाला प्रत्येक दिन को पवित्र माना गया है. ईस्टर संडे के पूर्व रविवार को खजूरी इतवार से आगाज होता है.
पवित्र गुरुवार, गुड फ्राइडे, पवित्र शनिवार यह सभी पवित्र सप्ताह का खास दिन होता है अर्थात ईस्टर के पहले यह पर्व मनाई जाती है.
पूर्णिमा तथा बसंत विषुव के पश्चात आने वाला प्रथम रविवार को मनाते हैं.
ईस्टर संडे कब है 2022 में? Easter Sunday kab hai 2022 mein?
वर्ष 2022 में ईस्टर संडे या पास्का रविवार 17 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस माह का पहला रविवार है. पिछले वर्ष 2021 में ईस्टर संडे 4 अप्रैल को मनाया गया था.
तिथि - 17
माह - अप्रैल
वर्ष - 2022
दिन - रविवार
अप्रैल - तीसरा रविवार
अगले 5 वर्ष के ईस्टर संडे कब है? agale 5 varshon ka Easter Sunday kab hai?
वर्ष तिथि दिन
2022 17 अप्रैल रविवार
2023 09 अप्रैल रविवार
2024 31 मार्च रविवार
2025 20 अप्रैल रविवार
2026 05 अप्रैल रविवार
ईस्टर संडे या ईस्टर रविवार क्यों मनाया जाता है? Easter kyu manaya jata hai
ईस्टर संडे सिर्फ एक त्यौहार ही नहीं बल्कि यह उल्लसित का दिन भी है. यीशु मसीह जीवित परमेश्वर है.
जो दुनिया के पापों के कारण मारा गया. यीशु मसीह के शब्द एवं वचन में जीवन है इसलिए पवित्र बाइबल में जीसस क्राइस्ट का शब्द अंकित है. ईस्टर के पर्व का सबसे बड़ा रहस्य है.
येसु मर गये येसु जी उठे येसु महिमा के साथ फिर आएंगे. इसी विश्वास के कारण चर्च में पवित्र बाइबल को विशेष रूप से पढ़ा जाता है.
जिस तरह से मरा हुआ मनुष्य जीवित या बीमारी से चंगा हो जाए तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता है.
आज से लगभग 2000 वर्ष पहले यीशु को युदस के हाथों पकड़वा कर दुख के रास्ते कलवारी पहाड़ पर ले जाकर सूली पर लटकाया गया. प्राण त्यागने से पहले पिता परमेश्वर को आत्मा सौंपकर प्राण त्याग दिया.
जीसस ने अपने शिष्यो को पहले बता चुके थे कि वे मरने के तीसरे दिन जी उठेंगे. यीशु को क्रूस से उतारकर कब्र में दफनाया गया. आमेन
तीसरे दिन पुनः मरियम कब्र के रास्ते गुजर रही थी. कब्र खुला देख घबरा गई दूत ने दर्शन देकर बताया कि वे जी उठे हैं.
यीशु मसीह के जी उठने की खुशी में ईस्टर संडे मनाया जाता है. मृत्यु पर विजय पा लिया इसलिए पूरी दुनिया में ईस्टर संडे के दिन येसु की महिमा गाते हुए आल्लेलुया आल्लेलुया कहते हैं.
ईस्टर का महत्व क्या है? Easter ka mahatva kya hai?
ईसाई समुदाय में ईस्टर का सप्ताह जिसे पुण्य सप्ताह कहा जाता है. जो गुड फ्राइडे वाले सप्ताह में पड़ता है.
इसी सप्ताह का महत्व काफी अधिक होता है. इसी सप्ताह के अंत में यानि गुड फ्राइडे के तीसरे दिन आने वाले दिन को ईस्टर कहा जाता है. इसी दिन प्रभु यीशु मसीह महिमा के साथ जी उठे थे.
यीशु मसीह इसलिए जीवित हुए थे ताकि लोग ईश्वर में विश्वास करें और उनके द्वारा लोगों को मुक्ति मिल सके. मानव जाति का कल्याण हो सके और सत्य ईश्वर की स्तुति कर सके प्रेम,अमर, दया का प्रतीक माना जाता है.
सभी मानव जाति के लिए पुत्र परमेश्वर का जी उठना निश्चित था एक बड़ी खुशखबरी मन हर्षित करने वाला संदेश माना जाता है.
यीशु मसीह खुद बोले थे कि मैं मृत्यु के बाद तीसरे दिन जीवित होऊंगा इसे पुनर्जीवित येसु का शरीर माना जाता है इसलिए अपने पापों की क्षमा मांगते हैं जिससे उनकी प्रार्थना सुनी जा सके हैं.
ईस्टर ज्यादातर ईसाइयों के द्वारा पूरी दुनिया में मनाया जाता है. क्रिसमस के बाद दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है.
ईस्टर संडे कैसे मनाया जाता है? Easter kaise manaya jata hai?
ऐसे तो ईस्टर शनिवार से ही मनाया जाता है क्योंकि यीशु मसीह के जी उठने का वक्त रात्रि को माना जाता है.
ज्योति के रूप में बहुत बड़ी मोमबत्ती चर्च में जलाई जाती है. यीशु मसीह ने कहा मैं संसार की ज्योति हूं इसलिए दुनिया की सभी चर्चो में मोमबत्ती अवश्य जलाई जाती है. ईस्टर को धूमधाम से मनाते हैं.
चर्च को सजाया जाता है. चालीसा काल के बाद इस दिन से खुशी मनाना शुरू करते हैं. बड़े स्तर पर चर्च में प्रार्थना पूजा की जाती है.
भक्ति भाव के साथ इस अवसर पर भाग लेते हैं. जीसस क्राइस्ट की महिमा इकट्ठे होकर लोग करते हैं. आल्लेलुया, स्तुति इत्यादि तरह से भी करते हैं.
येसु के वचन को चर्च में पढ़ते हैं और उपदेश देकर जीवित परमेश्वर की स्तुति करते हैं. आपस में मिलकर ईस्टरकी बधाई शुभकामनाएं देते हैं.
ईस्टर संडे का मतलब क्या है -Easter Sunday ka matalab kya hai?
अनुकंपा एवं दया का पवित्र दिन माना जाता है.
ईस्टर का अर्थ होता है - प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान का दिन इसका मतलब होता है कि पुत्र परमेश्वर इसी दिन महिमा के साथ जीवित हुए थे. इसे पास्का पर्व के रूप में मनाया जाता है.
ईस्टर संडे का इतिहास व कथाएं- Easter ka itihas va kathaen
जब येसु की मृत्यु हो गई थी तब संध्या पहर अरिमथिया से युसूफ नाम का व्यक्ति आया जो नए शिष्य बने थे पिलातुस के पास जाकर यीशु को दफनाने के लिए शव माँगा और पिलातुस के आज्ञानुसार उन्हें सौंप दिया गया.
कफन में लपेटकर नए कब्र में रख दिया वहाँ से जाते समय कब्र को पत्थर से ढँक दिया. मरियम और मारिया मगदलेना एक साथ प्रार्थना करने लगी और मां की ममता का दर्द छलकने लगा.
शुक्रवार के दूसरे दिन पुरोहित गण तथा फरीसी लोग पिलातुस के पास गया और निवेदन किया और बोला मान्यवर येसु ने स्वयं बोला है कि वह तीसरे दिन जी उठेगा.
कहीं ऐसा ना हो जाए कि येसु के शिष्य शव को चुरा करके कहे कि येसु जी उठा है इससे लोगों में झूठी प्रचार हो सकता है इसलिए वहां पर 3 दिन तक कब्र की सुरक्षा का आदेश दिया जाए.
पिलातुस के आदेश के बाद दो पहरेदार पहरा करने लगा और ढँके गए पत्थर पर मोहर लगाकर चिन्हित कर दिया. तीसरे दिन मरियम और मारिया मगदलेना के साथ कब्र के पास आये और देखा पहरेदार गिरा हुआ है और कब्र का पटल खुला हुआ है.
मरियम घबराकर अंदर पहुंची तो यीशु का शरीर ना पाकर सिर्फ कपड़ा पड़ा देख और घबरा गई उसके बाद सांत्वना और जी उठने का संदेश देने के लिए स्वर्गदूत आया और बोला दरिया नहीं मैं स्वर्गदूत हूं.
आप जिसे ढूंढ रही है उसे आप मत ढूंढिए क्योंकि वे मुर्दों में से जी उठे हैं. जीवित को मुर्दों में ढूंढना उचित नहीं, यीशु के कथन को याद करें और महिमा करें विश्वास के साथ कब्र से यीशु के शिष्य को बताने आए कि प्रभु यीशु जी उठे हैं और वह कब्र में भी नहीं है फिर सब शिष्य कब्र में गये देखने तो वहां सचमुच प्रभु यीशु मसीह नहीं थे.
जब शिष्य एक जगह पर थे तो येसु वहां आए और बोले तुम्हें शांति मिले शिष्य डर गए और इसने अपने वचन को याद दिलाया कि मैंने तुम्हें क्या बताया था कि मानव पुत्र जी उठेगा.
तब शिष्यों ने विश्वास किया कि प्रभु यीशु ही ईश्वर है.
स्वर्ग जाते समय बताये तुम लोग मानव जाति को मेरे सुसमाचार का प्रचार करो और जी उठने का संदेश सुनाओं.
ईस्टर के बारे में क्या सीखा - Easter ke bare mein main kya sikha?
ईस्टर के बारे में आज बहुत कुछ सीखने जानने को मिला कि ईस्टर क्यों और कैसे मनाया जाता है व इसका इतिहास का महत्व क्या है? साथ में ईस्टर कब है 2022 में? यह सब संपूर्ण रुप से जानकारी मिली.
HAPPY EASTER