बसंत पंचमी पर निबंध हिन्दी में
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती की पूजा विशेष रूप से होती है । क्योंकि सरस्वती को ज्ञान की देवी भी कहा जाता है। इस त्यौहार से पहले अनेक तरह की तैयारियां की जाती है। इसे श्रद्धा एवं भक्ति का संगम से मनाते हैं। बसंत पंचमी बसंत ऋतु में आने वाला प्रमुख पर्व है। इसे उसी अंदाज में मनाते हैं जैसे पवन की शोर होती है। अपने साथ हरियाली लाती है और चारों तरफ हरे भरे पेड़ पौधे दिखाई देते हैं। इसी सीजन में बसंत पंचमी का त्यौहार आता है जो सभी के मन को हर्षित करती है। इसी संदर्भ में बसंत पंचमी पर निबंध हिन्दी में तथा बसंत पंचमी पर 10 लाइनें हिन्दी में पढ़ सकते हैं।
बसंत ऋतु एक सदाबहार मौसम है इसे मौसम का राजा कहा जाता है। खेत खलिहान में सरसों का फूल लहलहाते नजर आते हैं। अनेक पेड़ पौधे में फूल की पंखुड़ियां लगनी शुरू हो जाती है। फसलों में अन्न दिखनी शुरू हो जाती है। रंग बिरंगी तितलियां आकाश में गोता लगाते नजर आते हैं। पवन के शोर से सारा प्राकृति झूम उठता है।
रंगीन जिन्दगी का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। इस पोस्ट में लिखे गए बसंत पंचमी पर निबंध इन हिंदी एवं बसंत पंचमी पर 10 लाइने इन हिंदी में देख सकते है।
बसंत पंचमी पर निबंध अधिकतम 500 शब्दों में -Essay on Basant Panchami in maximum 500 words
बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहा जाता है। क्योंकि इस त्यौहार में मां देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। बसंत पंचमी हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। इस त्यौहार को लेकर सभी जन उत्साहित रहते हैं और मां शारदे की पूजा करते हैं। प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी का त्योहार जनवरी या फरवरी के महीने में मनाया जाता है। मां सरस्वती को ज्ञान की देवी और विद्या की देवी कहीं जाती है। विद्यार्थियों के लिए यह त्यौहार काफी अहम होता है। मां सरस्वती को अनेक नामों से पुकारा जाता है।
वीणा की देवी सुर की देवी के रूप में भी जाना जाता है। भारत के कोने कोने में बड़ी ही उल्लास के साथ बसंत पंचमी का त्यौहार मनाते हैं। उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में तथा मध्य भारत के विशेष जगह पर बसंत पंचमी मनाई जाती है। समर्पण एवं सहायता का त्यौहार भी माना जाता है। क्योंकि देवी सरस्वती ज्ञान बांटने के लिए सिखाती है। बसंत पंचमी को शांति व सद्भावना के साथ मनाते हैं। हिंदुओं का पवित्र त्यौहार में से एक है। बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा भी कहा जाता है।
देवी सरस्वती का प्रकट का दिन माना जाता है। इसीलिए इस दिन मां सरस्वती का जन्म दिन को जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं शुरुआती समय में विष्णु की इच्छा अनुसार ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल का कुछ अंश पृथ्वी पर छिड़क दिया। उससे सफेद रूप में एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई उसे सरस्वती नाम दिया गया।
अपनी वीणा बजायी उससे निकलने वाला हरेक सुर हवा बहने के साथ-साथ जीव जंतुओं को मीठी वाणी मिल गई। इसलिए देवी शारदे को विद्या की देवी भी कहा जाता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के रूपो की पूजा की जाती है। सरस्वती पूजा माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। वसंत पंचमी जनवरी या फरवरी महीने में ज्यादातर मनाया जाता है। त्यौहार के साथ-साथ बसंत ऋतु और ढेर सारी खुशियां लेकर आती है।
भारत के विभिन्न हिस्सों में हिंदू समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते हैं। स्कूल कॉलेज एवं छोटी बड़ी शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती की प्रतिमा बैठायी जाती है। कहीं कहीं सरस्वती की फोटो लगाई जाती है। उसकी आरती महिमा एवं पूजा पाठ की जाती है। फूल अर्पण किए जाते हैं किताबों को उनके समीप चढ़ाया जाता है। विद्यार्थी सरस्वती पूजा को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। वसंत पंचमी प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
स्टूडेंट के लिए यह त्यौहार काफी महत्व रखता है। इस त्योहार के आते ही अनेक तरह की खुशियां आनी शुरू हो जाती है। बसंत ऋतु का भी महत्व जुड़ जाता है। क्योंकि प्राकृतिक की सौन्दर्यता एवं ताजगी देखने को मिलती है। किसान अपनी अच्छी फसल की पैदावार की खुशी मनाते हैं। तो विद्यार्थी ज्ञान की देवी मां सरस्वती से ज्ञान की ज्योति मिलने की प्रार्थना करते हैं।
ज्ञान की अपार शक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं। जिससे जीवन में खुशहाली आ सके ज्ञान से जुड़ी हुई चीजें मांगते हैं। अनेक कलाकारों एवं विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती की पूजा करने का विशेष दिन माना जाता है।
बसंत पंचमी पर 10 लाइन - Basant Panchami on Ten Lines
1. बसंत पंचमी हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है।
2. इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती माता की पूजा की जाती है।
3.बसंत पंचमी माघ महीना की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
4. विद्यार्थियों के लिए यह त्यौहार काफी महत्व रखता है।
5. बसंत ऋतु आने की खुशी में बसंत पंचमी का त्यौहार खुशी खुशी मनाते हैं।
6. बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है।
7. इसी दिन से पेड़ पौधे की पत्तियां झड़कर नई पत्तियां आने शुरू होती है और चारों तरफ हरियाली दिखाई देती है।
8. बसंत पंचमी के दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं।
9. उत्तर भारत में बसंत पंचमी को श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है।
10. सादगी, प्रेम और उदारता का संदेश देती है।
इस निबंध में क्या जानकारी मिला :-
इस निबंध में बसंत पंचमी पर निबंध हिन्दी में ( Basant Panchami Essay in Hindi ) तथा बसंत पंचमी पर 10 लाइने हिन्दी में ( Basant Panchami on Ten Lines in Hindi ) के बारे मे जानकारी मिली।
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