छठ पूजा पर निबंध -Essay On Chhath Puja In Hindi
छठ पर्व का महत्व बिहार राज्य में सबसे अधिक है . ऐसे अनेको त्योहार साल में आते रहते हैं लेकिन छठ पूजा पर्व की विशेषता हर एक बिहारी के जुबान से सुनने को मिलती हैइसलिए छठ महापर्व के बारे में गहरी तरीका से फोकस डालते हैं और निबंध के माध्यम से पूरी जानकारी मिलने वाली है . तो चलिए सबसे पहले छठ पूजा की आप सभी को ढेर सारी शुभ कामनाएं देते हैं और मंगलमय की कामना करते हैं .
छठ पर्व विश्व विख्यात है . जिसकी चर्चा देशों विदेशों में होती है . छठ महापर्व की तैयारी एक महीना पहले से शुरू हो जाती है . जैसे जैसे दिन बीतते हैं बिहार के लोगों में उत्सुकता देखने को मिलती है . दीपावली के बाद चौथे दिन से कार्तिकी छठ महापर्व का आगमन हो जाता है . छठ माई का गाना हमारे कानो दिलों को ठंडक पहुंचाती है . उससे हर एक लोगों को शक्ति मिलती है और आस्था की ओर बढ़ते हैं .
छठ पूजा पर निबंध 500 शब्दों में- Essay On Chhath Puja In Hindi ( 500 Words )
छठ पूजा हिंदू बिहार वासियों का प्रसिद्ध त्योहार है . छठ पूजा बिहार का महापर्व कहलाता है . यह आस्था श्रद्धा और विश्वास का पर्व है . छठ वर्ष में दो बार मनाया जाने वाले पर्वों में शामिल है . वर्ष के पहले आने वाले छठ को चैती छठ कहा जाता है तथा वर्ष के दूसरी बार आने वाले छठ को कार्तिकी छठ कहा जाता है . इसे क्रमश चैती छठ और कार्तिकी छठ के रूप में जानते हैं . चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चैती छठ तथा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कार्तिकी छठ के रूप में मनाया जाता है . ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार से पहला छठ मार्च या अप्रैल में मनाया जाता है तथा दूसरा छठ अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है . छठी माई के पूजा तथा सूर्य देवता को दूध और जल से अर्घ्य देने का खास दिन माना जाता है .
पहले घर को साफ सुथरा करके पवित्र जगहों पर पूजन किया जाता है . छठ चार दिवसीय पर्व है . इसमें लगातार चार दिनों तक छठ की विधिवत तरीके से मनाया जाता है . छठ की शुरुआत नहाय खाय से होती है . छठ करने वाला सुबह उठते ही गंगा नदी में स्नान करने जाते हैं . उसके बाद सादा भोजन का करते है . भोजन में चावल चने की दाल कद्दू की सब्जी रोटी शामिल होता है . इस दौरान लहसुन प्याज नमक से परहेज करते हैं . दूसरे दिन को लोहंडा कहा जाता है . इस दिन खीर में गुड़ मिलाकर प्रसाद बनाते हैं . पहला प्रसाद छठ व्रती को कराया जाता है . तब लोगों को प्रसाद का वितरण किया जाता है . प्रसाद ग्रहण करने के बाद निर्जला व्रत शुरू हो जाता है . तीसरे दिन की तैयारी जोरों शोरों से होने लगती है . मिष्ठान , ठेकुआ , लड्डू बनाते हैं . अनेक प्रकार के ताजा फलों को दोरा में सजाते हैं . तीसरे दिन छठ का विशेष दिन आता है और संध्या समय गंगा नदी में जाकर डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है . चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर छठ पर्व की समाप्ति की जाती है . छठ व्रत करने वाले पहला प्रसाद ग्रहण कर व्रत को तोड़ते हैं . जिससे अन्य लोगों को भी प्रसाद बाटा जाता है .
माना जाता है महाभारत काल के समय जब सूर्य देव के भक्त कर्ण प्रतिदिन पानी में घंटों तक खड़े होकर सूर्य को जल से अर्घ्य देते थे . तब महान योद्धा के रूप में जाने गए . द्रौप भी वनवास के दौरान व्रत रखना शुरू किए तो जुए में हारे राजपाट वापस इनके पति को मिल गया . जब एक राजा निसंतान थे तो उनको छठी माई की कृपा से संतान की प्राप्ति हुई थी . राम भगवान जब रावण का वध करके आए तो सूर्य देवता की आशीर्वाद पाने के लिए राम भगवान और सीता माता ने सुबह शाम सूर्य को अर्ध्य दिए थे .
छठ त्याग , तपस्या का पर्व माना जाता है . छठ व्रत उपवास में रहकर छठ माता से प्रार्थना किया जाता है . अपनी संतान की लंबी उम्र तथा पति को हर संकट से रक्षा करने के लिए किया जाता है . निसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति की मनोकामनाएं मांगती है . कैरियर में अच्छे रिजल्ट एवं सुख समृद्धि के लिए छठ व्रत करते है .
छठ पूजा पर 10 लाइन - Ten Lines on Chhath Puja in Hindi
1. छठ पूजा बिहार का प्रमुख पर्व है इसे छठ महापर्व के रूप में मनाया जाता है .
2. इस दिन सूर्य देवता को अर्ध्य दिया जाता है .
3. छठ पूजा चैत्र मास तथा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन छठी मैया की पूजा किया जाता है .
4. इन दिनों में कोई अंतर नहीं होता है परंतु कार्तिक मास में मनाया जाने वाला पर्व खास होता है .
5. छठ वर्ष में दो बार आने वाला त्यौहार है .
6. छठ करने वाली महिलाओं को छठवर्ती माता कहा जाता है.
7. शाम को डूबते हुए सूर्य एवं सुबह को उगते हुए सूर्य को दूध एवं पानी से अर्ध्य देने का विशेष महत्व होता है .
8. परिवार की सुख समृद्धि एवं मनोकामनाएं पूर्ण होने के लिए श्रद्धा विश्वास के साथ पूजन पाठ करते हैं .
9. महिलाएं छठी मैया का गीत गाते हुए जल स्रोतों नदी , तालाब , पोखर में अर्ध्य देने जाते हैं .
10. छठ पर्व उत्तर भारत के बिहार , झारखंड , उत्तर प्रदेश तथा बिहार से सटे जगह पर मनाया जाता है .
छठ पूजा पर निबंध 250 शब्दों में - Essay On Chhath Puja In Hindi ( 250 Words )
छठ पूजा बिहार का प्रमुख पर्व है . यह हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है . यह बिहार के अलावा झारखंड , पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है . वर्ष में दो बार छठ पूजा आता है . छठ पूजा में तो दूसरी छठ पूजा कार्तिक माह में मनाया जाता है . यह छठ शुक्ल पक्ष की षष्ठी को आता है . इसमें कार्तिक की छठ पूजा को पूरी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है .
अपने परिवार की इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए षष्ठी माता जिसे छठ माई कहते हैं और सूर्य देवता को उगते एवं डूबते समय अर्ध्य दिया जाता है . छठ पूजा संतान सुख . सुख समृद्धि . दीर्घायु तथा कष्टों से छुटकारा पाने के लिए छठ व्रत किया जाता है .
छठ पूजा चार दिनो तक मनाया जाता है . पहले दिन नहाय खाय का पर्व आता है . इस दिन गंगा स्नान करके भोजन करते हैं . इससे पापों से क्षमा मिलती है और आध्यात्मिक रूप से भक्ति करते हैं . दूसरे दिन लोहंडा का पर्व आता है . इसमें भी प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठ पूजा समाप्ति तक निर्जला व्रत किया जाता है . लोहंडा दिन खीर में गुड़ सम्मिलित होती है उसी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं . तीसरा दिन छठ करने वाला गंगा नदी में जाकर सूप में भरी फल एवं प्रसाद को उठाकर संध्या काल में डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है . अंतिम दिन सुबह के समय उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है . इस तरह से छठ पूजा संपन्न हो जाता है . छठ के प्रसाद को अपने पड़ोसी एवं परिवारों को बांटते हैं .