आप सभी देशवासियों को 77वां स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं .
देशभक्त होना अपने आप में गर्व की बात होती है . भारत का वह सपना जो जश्न ए आजादी के रूप में देखने को मिली थी . ऐसे तो भारत में अनेकों धार्मिक त्योहार है . लेकिन राष्ट्रीय त्योहार सिर्फ तीन ही है . स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्रता दिवस , गांधी जयंती यह तीनों राष्ट्रीय दिवस है . जो भारत के सभी देशवासियों को समर्पित है .
यह ऐसा नजारा होता है कि आंखें देखने के लिए तरस जाती है . सपने से भी प्यारा जश्न ए आजादी का दिवस जो इस सपने में कई संघर्ष की कथाएं लिखी गई है . भारतीय के लिए अपना देश से बढ़कर कुछ भी नहीं है .
Image of svatantrata divas kyon manaaya jaata hai
भारत के खुशी से सारा देश झूम उठता है . सभी धर्म के लोग एक मंच पर आते हैं और देश को सलाम करते हैं .
आज स्वतंत्रता दिवस पर पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे.
स्वतंत्रता दिवस क्या है ?
स्वतंत्रता दिवस भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है . जिसमें हिंदू, मुस्लिम , ईसाई , सिक्ख , बौद्ध , जैन , पारसी व अन्य धर्मों के लोग आजादी का जश्न मनाते हैं . सभी धर्मों के लोग एक मंच पर आकर भारत माता की जय की आवाज लगाते है . भारत में मुख्य तीन राष्ट्रीय त्यौहार है . जिसमें स्वतंत्रता दिवस शामिल है . इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होती है . 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस कहा जाता है . अंग्रेजी में स्वतंत्रता दिवस को independence day ( इंडिपेंडेंस डे ) कहते हैं . स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त के दिन मनाया जाता है .
स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त की तिथि को मनाते हैं . बाकी त्योहार से स्वतंत्रता दिवस काफी अलग है क्योंकि इस दिन भारत आजाद हुआ था . इसका इतिहास काफी बड़ा है . भारत के आजाद होने पर 15 अगस्त 1947 को आजादी का जश्न मनाया गया था. जश्न ए आजादी 15 अगस्त के दिन को ही स्वतंत्रता दिवस कहा जाता है . स्कूल , कॉलेज , ऑफिस , दफ्तरों पर ध्वजारोहण किया जाता है . देश के कोने कोने में ध्वजारोहण किया जाता है . इस खास दिन को झंडा फहराने, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रस्तुति दी जाती है .
लोग अपनी पोशाकों , घरों और गाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा प्रदर्शित कर उत्सव मनाते हैं झंडा तोलन के बाद राष्ट्रीय- गान गाया जाता है . इस दिन इतिहास के बारे में लोगों को अवगत कराया जाता है . इस दिन भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर तिरंगे का ध्वजारोहण करते हैं एवं राष्ट्र को संबोधित करते हैं . प्रधानमंत्री राष्ट्र को तो मुख्यमंत्री राज्य को संबोधित करते हैं . देश की राजधानी और राज्य की राजधानी में ध्वजारोहण समारोह भव्य रूप से किया जाता है . भारतीय लोग के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण और खास दिन हो जाता है . राष्ट्रीय मिठाई जलेबी बांट कर मनाते हैं.
2023 में स्वतंत्रता दिवस कब है ?
वर्ष 2023 में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त की तारीख को है . यह मंगलवार के दिन पड़ रहा है यानी अगस्त माह के तीसरा मंगलवार है .
तिथि - 15
माह - अगस्त (आठवां माह)
वर्ष - 2023
दिन - मंगलवार
अगस्त - तीसरा मंगलवार
स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है ?
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार से भारत अपना स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन मनाते हैं . यह दिन भारत के लिए विशेष महत्व रखता है . यह राष्ट्रीय दिवस है यानी किसी धार्मिक विशेष का त्यौहार नहीं है इसलिए सभी देशवासियों के लिए यह दिन यह खास होता है .
अगले 5 वर्षों का स्वतंत्रता दिवस
वर्ष तिथि दिन
2022 15 अगस्त सोमवार
2023 15 अगस्त मंगलवार
2024 15 अगस्त गुरुवार
2025 15 अगस्त शुक्रवार
स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है ?
भारत का राष्ट्रीय त्योहार स्वतंत्रता दिवस है. 15 अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासन के चंगुल से आजाद हो गया था तो इसी की याद में और देश का सम्मान करने के लिए स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. यह भारत के लोगों के लिए बेहद खास दिन होता है. भारत को लंबे समय की गुलामी के बाद अंग्रेज शासक से आजादी मिली .
15 अगस्त को नई भारत की गाथाएं लिखी गई अंग्रेजों से आजादी पाना इतना भी आसान नहीं था लेकिन भारत देश के वीर जवानों के आगे अंग्रेजों की एक भी ना चल सकी . लंबे समय और संघर्ष , बलिदान देने के बाद स्वतंत्रता सेनानी , राजनीतिक नेता और भारत के लोग गुलामी से छुटकारा पाने के लिए कसम खा चुके थे .
अपने माथे पर कफन बांध चुके थे कई लोग आजादी दिलाने के लिए दिन रात एक कर दिए थे . बिना थके बिना रुके खुद की चिंता किए बिना ही आने वाली पीढ़ियों की आजादी के लिए कई लोग त्याग , तपस्या और बलिदान देकर भारत देश को आजाद कराया जिसे आज सभी लोग आजादी से कुछ भी कर सकते है.
महात्मा गांधी जैसे महापुरुष की योजना से भारत स्वतंत्र हो पाया है. सुभाष चंद्र बोस , चंद्रशेखर आजाद , भगत सिंह जैसे अनेक महापुरुष ने आजादी के लिए अहम योगदान दे चुके हैं. भारत के लोग जो सपना देखा था वह 15 अगस्त 1947 को पूरा हुआ .
भारत की आजादी और स्वतंत्र भारत बनाने के लिए अहिंसक व हिंसक घटनाओं , योजनाओं , हजारों आंदोलन , एकता के बदौलत भारत को एक संपूर्ण आजादी मिली . 15 अगस्त 1947 को नए स्वतंत्र भारत का जन्म हुआ . इस दिन भारत के लिए नए युग की शुरुआत हुई इसलिए इस दिन बड़ी धूमधाम और जोश के साथ स्वतंत्रता दिवस को मनाते हैं.
भारत मां को आजाद करने के लिए ना किसी ने अपनों की चिंता की है , ना ही अपने परिवारों की , ना ही किसी ने धर्म देखा , ना ही किसी ने जात पात देखा , सब लोगो ने एकजुटता से लड़ाई लड़ी . बलिदान दिए विभूतियां दिये , कुर्बानियां दिए है इसलिए आज भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप गुलामी से मुक्त हुआ . हमें उन लोगों पर गर्व होनी चाहिए कि ऐसे ऐसे पुत्र भारत माता ने दिए हैं कि अपने बदौलत भारत मां के लिए लड़ सके .
स्वतंत्रता दिवस का महत्व
यह पर्व जोश और उमंग का पर्व है जिसे राष्ट्रीय त्यौहार या राष्ट्रीय दिन कहा जाता है . भारत देश का स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है क्योंकि इस आजादी के लिए सभी लोग एक होकर एवं एकता में लड़ाई लड़ी जिसका फल 15 अगस्त 1947 यानी स्वतंत्रता दिवस के रूप में देखने को मिलता है. इस दिन सबको राष्ट्रीयता की भावना मन में एवं उनके स्वभाव में डाला जाता है . इस दिन से राजनीतिक और ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी . राष्ट्रीयता का विचार भारतीय लोगों के दिमाग में डालने के कारण ही भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना सभी धर्म , जाति के लोग एक साथ मिलजुल कर आजादी की लड़ाई लड़ी.
भारत की इतिहास की कथाएं इतना कष्टदाई है कि इसकी कल्पना नहीं की जा सकती देश की आजादी के लिए कितने वीर जवानों ने शहादत दी है कितने माताओं ने अपने बेटे को खोए हैं ना जाने कितने बहन अपने भाई और पति को खोए हैं ना जाने कितने लोगो ने अपने परिजनों को खोए है . कुछ ही लोगों को आप जानते हैं जिसने भारत माता को आजाद करने के लिए कुर्बानियां दी है और बहुत सारे शहीद जवानों को नहीं जानते जिन्होंने शहादत दी मगर उसे जानते नहीं वीर जवानों को याद करने के लिए स्वतंत्र दिवस को हर्ष उल्लास और बलिदान के रूप में मनाया जाता है . अपनी भारत माता का मान सम्मान देने के लिए यह पर्व भारत वासियों के लिए भारत के लोगों के लिए महत्व एवं गौरव की बात है .
स्वतंत्रता दिवस का अर्थ
स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त जश्न ए आजादी का दिन जो काफी सालों तक ब्रिटिश अंग्रेजों द्वारा भारतीय को गुलाम बनाकर रखा था . कई बलिदान संघर्षों के बाद भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना जहां पर ब्रिटिश संविधान के द्वारा शासन किया जाता था . तो जश्न ए आजादी के बाद से भारत का अपना संविधान भारतीय संविधान द्वारा भारत देश की नीति चलती है . स्वतंत्रता का मतलब ही भारत का आजादी का दिन होता है . देश का आजाद होना ही अपने में गौरव की बात है . आजादी तो सिर्फ एक शब्द कहने मात्र है.
मगर इसके इतिहास व कहानी इतनी संघर्षपूर्ण है कि इसे बयानों में जिक्र नहीं किया जा सकता है . इसे सीमित करके नहीं रखा जा सकता है . लेकिन इसी संघर्ष के बदौलत हर साल 15 अगस्त को खुशी का दिवस के रुप में मनाते हैं . 15 अगस्त 1947 को भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया उसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पारित कर लोगों को संपूर्ण आजादी मिली जिससे लोकतंत्र को अहम माना जाता है . जिसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के पास होता है .
स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है ?
इस दिन पूरे भारत में राष्ट्रीय व राजकीय अवकाश होती है . जिससे अपने क्षेत्रों में झंडा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है . इस दिन सभी राज्य और स्थानीय सरकार के ऑफिस दफ्तर डाकघर बाजार आदि निजी संस्थानों में सेवाकार्य बंद रहते हैं . सार्वजनिक परिवहन पर कोई पाबंदी नहीं होती सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है . इस दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परेड किये जाते है और भाषण दिए जाते हैं . पुलिस लाइन रेलवे कार्यालय व राजनीतिक संगठनों के दफ्तरों एवं ऑफिसों में झंडा तोलन किया जाता है और राष्ट्रीय गान एवं राष्ट्रीय गीत गाते हैं.
राष्ट्रीय गान- जन गण मन
राष्ट्रीय गीत- वंदे मातरम
शहर गांव जैसे क्षेत्रों में सार्वजनिक तरीके से समुदाय और समाज के साथ मिलकर इस राष्ट्रीय आजादी दिवस को मनाया जाता है . चारों तरफ सिर्फ राष्ट्रभक्ति और देशभक्ति देखने को मिलती है . भारत की राजधानी नई दिल्ली में भव्य रूप से हर्ष उल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
भारत के प्रधानमंत्री इस दिन झंडा फहराते हैं और राष्ट्र को भाषण के जरिए संबोधित भी करते हैं . अपने देश की योजनाओं को बताते हैं . देश में होने वाले कार्यों की प्रशंसा और सराहना करते हुए उनको सुझाव भी देते हैं . दिल्ली में लाल किले से प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं . लोग इस दिन दिल्ली पहुंचकर या टीवी चैनलों पर प्रधानमंत्री का भाषण सुनते हैं . वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है . लोग इस दिन देश भक्ति फिल्म देखते हैं गाने सुनते हैं और मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाते हैं . सभी क्षेत्रीय नेता अपने-अपने क्षेत्रों में जलेबी और अन्य मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं .
झंडा फहराने का विधि और समय
1. तिरंगा हमेशा कॉटन सिल्क या खादी के कपड़े का ही होना चाहिए .
2. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के सबसे ऊपर केसरिया बीच में सफेद तथा नीचे हरा रंग होना चाहिए .
3. तिरंगा को सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच में ही फहराया जाना चाहिए .
4. तिरंगा को पूरी सम्मान से फहराया जाना चाहिए किसी प्रकार से अपमानित नहीं किया जाना चाहिए .
5. तिरंगे में किसी प्रकार का दाग या कोई भाग जला फटा नहीं होना चाहिए .
6. तिरंगा आयताकार आकार के होना चाहिए .
7. तिरंगा फहराने की जगह साफ सुथरा होना चाहिए .
8. तिरंगा को खुली जगह पर फहराया जाना चाहिए तिरंगे झंडे को सामान्य कपड़े की तरह नहीं समझनी चाहिए .
9. तिरंगा आसमान में छिपा नहीं होना चाहिए नीचे से स्पष्ट दिखाई देनी चाहिए .
10. सूरज डूबने से पहले तिरंगे को सम्मान पूर्वक उतार लेना चाहिए .
देश भक्ति फिल्म और गाने
देश भक्ति फिल्म देखना लोग पसंद करते हैं . हिंदी देशभक्ति फिल्में कुछ इस प्रकार हैं ऐसे फिल्म देखने के लिए लोगों की दिलचस्पी बढ़ जाती है.
बॉर्डर , मां तुझे सलाम , ग़दर एक प्रेम कथा , अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों , चक दे इंडिया , तिरंगा , क्रांतिवीर , कोहराम , हम हिंदुस्तानी , हिंदुस्तान की कसम , इंडियन , टैंगो चार्ली , जमीन , 1971 , लक्ष्य
स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास
15 अगस्त 1947 को आजादी का पहला दिन था . इस दिन चारों तरफ तिरंगा झंडा फहराया गया तिरंगे को सलामी दिया गया . इसी दिन से भारत के लिए नए युग की शुरुआत हो गई थी.
हमेशा यादगार बनाए रखने के लिए स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है . इस दिन भारत के लिए गर्व का दिन होता है . अपने देश शहीद वीर जवानों द्वारा राष्ट्रीय चिन्ह तिरंगे को सलामी दी गई थी लगभग 200 वर्ष से अधिक समय तक अंग्रेज भारत को गुलाम बनाए हुए रखा था . कहा जाता है कि यूरोपीय देश के व्यापारियों ने 17वीं सदी में भारत उपमहाद्वीप में अपना कब्जा प्रारंभ करना शुरू कर दिया था . ब्रिटिश देश के लोग अपनी सैन्य शक्ति को भी बढ़ाना शुरू कर दिया था .ई
ईस्टइंडिया कंपनी ने 18वीं सदी के अंत तक पूरे स्थानीय राज्य में अपना दबदबा कायम कर चुका था. 1857 में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम अर्थात 1858 के अनुसार भारत पर अपना हक जमा लिया और ब्रितानी ताज अर्थात ब्रिटेन की राजशाही से भारत में नीति चलने लगी देश पूरी तरह से ब्रिटिश सरकार के अधीन हो गया . फिर अंग्रेज और अपना विस्तार करना और शुरू कर दिया था .
कई दशको बाद भारतीय नागरिक समाज धीरे-धीरे विकास करना शुरू कर दिया . 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का निर्माण हुआ था . अंग्रेज सरकार रोले एक्ट ला दिया . इस कानून के जरिए भारतीय लोगों को दबाने के लिए उपयोग किया जाने लगा. इसी कारण भारतीय समाज सुधारक एवं जागरूक नागरिकों द्वारा भारतीय स्वशासन बनाए जाने का सपना देखने लगे . महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन तथा राष्ट्रीय रक्षा के लिए अनेक आंदोलन की शुरुआत हो चुकी थी . अंत में अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा .
आधुनिक युग में स्वतंत्रता दिवस
भारतीय थल सेना , वायु सेना , नौसेना तथा राज्यों के पुलिस अपने अपने क्षेत्रों में तिरंगा फहराकर और अजूबे कर्तव्य दिखाकर देश को सम्मान देकर अभिवादन करते हैं . देश प्रेम का उमंग जोश भरना सब लोगों का कर्तव्य होता है . राज्य की राजधानियों में मुख्यमंत्री झंडा फहराते हैं . जैसे-जैसे वक्त बीतता है . आधुनिक युग में देशभक्ति और देश प्रेम में और गहरा होता जा रहा है . अपने क्षेत्रों में झंडा फहराने के बाद कई प्रकार की खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की जाती हैं . भारतीय लोग जिस देश में रहते हैं वहां भी झंडा फहराकर एवं राष्टगान गाकर स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं .
स्वतंत्रता दिवस का संदेश
स्वतंत्रता दिवस से ही हमें यही संदेश मिलती है कि हमें अपने देश के मान सम्मान से कभी समझौता नहीं किया जा सकता . अपने देश से प्यार करने और अपने देश की अखंडता कायम रखने की प्रेरणा हमें देता है . भाईचारे एवं एकजुटता ही स्वतंत्र देश की पहचान होती है . संघर्ष करने से हमें आजादी जरूर मिलती है . सांस्कृतिक रूप से हमें हमेशा एक राष्ट्र में रहने का संदेश भी मिलता है.
स्वतंत्रता दिवस हमें अपने देश को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है . ना कोई ऊंचा , ना कोई नीचा , ना कोई धर्म , ना कोई जाति , ना संस्कृति , भाषा , रंग रुप , खान-पान देखे बिना ही एक राष्ट्र में मिल जुल कर रहना हमारा सबसे बड़ा धर्म है एवं राष्ट्र को कुछ देने का है.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ही सारे संदेश मिल जाते हैं . जो भारतीय लोगों के लिए जरूरी होता है हम भारतीयों को भी उन्हीं के अनुसार से चलना भी चाहिए .