raksha bandhan 2023
रक्षाबंधन क्यों और रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है? raksha bandhan kab hai raksha bandhan kyu manaya jata hai
पारिवारिक और सामाजिक रूप से रक्षाबंधन भारत का सबसे बड़ा त्योहार है। हिन्दु परिवार मे भाई बहन का रिश्ता काफी पवित्र माना गया है बंधन वाला त्योहार रक्षाबंधन के बारे मे क्या जानते है क्यों मनाई जाती है भाई बहन का त्योहार रक्षाबंधन । इस पर्व की खासियत क्या है जो प्रेरित करती है भाई बहन के बीच बंधन का त्योहार मनाने के लिए। रक्षा बंधन का त्योहार आते ही भाई बहन के चेहरे खिल जाते है
बहन कोई भी हो .भाई कोई भी हो सगा हो या दूसरे भाई बहन इस रिश्ते को कुछ शब्दों में सीमित नहीं किया जा सकता है राखी का पर्व हर भाई बहन मनाते है ये त्योहार भाई बहन के बीच का प्यार को गहरी बनाती है छोटे छोटे गलती को भुलाकर इस दिन को रक्षाबंधन के रुप में उत्सव मनाते है इस बार मनाने की तैयारी कैसी है क्या आप बता सकते है अगर हां में जवाब है तो कॉमेंट में शेयर करें अगर नही तो जाने रक्षाबंधन मनाने की धार्मिक मान्यताए क्या है इसे कब और कैसे मनाते है इस Article के माध्यम से जानेगे रक्षाबंधन का महत्व
सारांश
भाई बहन के रिश्ते को जोड़ती है रक्षाबंधन
बहने इस दिन भाई कों रक्षाकवच राखी बाँधती है इसमें स्नेह दुलार विश्वास सम्मिलित रहती है
रक्षाबंधन मनाने की धार्मिक मान्यताए क्या है इसे कब से और कैसे मनाते है 'जानेगे रक्षाबंधन का महत् 'क्यों मनाई जाती है भाई बहन का त्योहार रक्षाबंधन ।
क्या है रक्षाबंधन
रक्षाबंधन हिन्दू भाई बहन के लिए खुशी का त्योहार लेकर आता है जो श्रावण माह में पूणिया को मनाया जाता है यह त्योहार भारत के सभी स्टेटो मे मनाते है अब तो राखी बाँधने का ट्रेड चल गया है इसीलिए हर सम्प्रदाय को लोग मनाना पसंद करते हैं क्योंकिभाई बहन का रिश्ता ही पवित्र होता है बचपन से सुख दुःख में साथ निभाते आते है
रक्षा बंधन अटूट विश्वास और प्रेम का चिन्ह है रकाबधन दो शब्दों के जोड़़ने से बना रक्षाकवच । रक्षा का अर्थ जिम्मेदारी के साथ सुरक्षा अर्थात संकट से निकालना बंधन का अर्थ धागा जो कभी टूटे न जिसकी गाठ उतरे ना अर्थात बहन से किया हुआ वादा को पूरा करना । इसीलिए इस दिन बहन अपने भाई के दाहिणी कलाई पर राखी बाँधती है इसे श्रावणी,सावनी अथवा सलूनों के नाम से भी जाना जाता है।
बहन को दे स्पेशल गिफ्त
राखी बांधने की पूजा विधि
सामग्री - राखी बांधने के पहले एक पवित्र थाली लेते हैं पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक, सुन्दर राखी, नारियल, भाई के लिए रुमाल और साथ में मिठाई रख लेती हैं।
रक्षाबंधन के खास दिन को इस तरह से बहन भाई को राखी बांधती है
• थाली में पूजा संबंधी जरूरत की चीजें थाली में सजा लेती है इसमें रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक, राखी जैसे महत्वपूर्ण सामग्री रख लेती है
• इसके बाद भाई के माथे पर तिलक लगाकर दाहिने की कलाई पर राखी बांधती है।
• राखी बांधने के तुरंत बाद भाई को आरती उतारती है
फिर भाई को मिठाई खिलाती है।
• अगर भाई बड़ा है तो बहन अपने भैया को चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेती है अगर बहन बड़ी हो तो अपने दीदी का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते हैं।
• राखी बांधने के बाद भाई अपने इच्छा व क्षमता के अनुसार अपने बहन को सुन्दर उपहार और पैसा भी देते हैं
• इस दिन रक्षा सूत्र बांधने तक भाई बहन दोनों उपवास रखे रहते हैं
राखी बांधते वक्त कुछ मंत्रों का भी जाप करते हैं
रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?
रक्षाबंधन के कुछ दिन पहले ही बाजारों, दुकानों में चहल पहल होने लगती हैं लोगों में काफी उत्सुकता होती है। बहने अपने भाई के लिए राखी, मिठाई व अन्य सामग्री खरीदती है तो भाई भी अपने बहन को धर्मदक्षणा देने के लिए सुंदर उपहार खरीदते हैं दोनों अपने लिए नए नए कपड़े भी खरीदते हैं
रक्षाबंधन के दिन बहन सुबह उठते ही स्नान करने के बाद कई प्रकार के मीठे पकवान बना लेती है बहन राखी बांधने तक भोजन का एक भी दाना नहीं ग्रहण करती है । पहले अनेक देवता की पूजा कर ली जाती है। भारत में शुभ मुहूर्त व शुभ समय का प्रचलन होता है यह ज्योतिषी या पंडित से पुष्टि की जाती है देश में अपने ही विधि विधान से रक्षाबंधन का त्यौहार श्रद्धा व सुमन पूर्वक बनाते हैं।
रक्षाबंधन पर बनी फिल्म के नाम जो लोकप्रिय मानी जाती हैं।
*बंधन *छोटी बहन *राखी *शुभ मुहूर्त * दामिनी
*बिहारी बाबू * सिकंदर *रेशम की डोरी *हम साथ साथ हैं * छोटी बहन
रक्षाबंधन का संदेश
रक्षाबंधन सुख, समृद्धि, शांति, भाईचारा, प्रेम, खुशी, एकता एवं विश्वास कायम करने का संदेश देती है बहनों की प्रति पूर्ण समर्पण रक्षा करने के लिए होनी चाहिए। बहन कोई भी हो उनका इज्जत मान सम्मान देनी चाहिए। यह सभी लोगों का दायित्व होता है। यह पर्व भाई-बहन के लिए गौरव का विषय है रक्षाबंधन तो एक साल में एक बार आता है लेकिन इसकी खुशबू व सीख पूरे वर्ष तक के लिए होनी चाहिए।