भाई दूज पर निबंध हिंदी में । Essay on Bhai Dooj in Hindi
भाई दूज हिंदू भाई बहनों का महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। दीपावली के तीसरे दिन भाई दूज के रूप मे मनाया जाता है।
परिवार में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। भाई बहनों को यह त्यौहार समर्पित माना जाता है। भाई बहन का त्यौहार वर्ष में दो बार मनाया जाता है। इसमें रक्षाबंधन भाई दूज शामिल है।
अपने भाई की सेवा सत्कार करके इस त्योहार को मनाते हैं। पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। भाई दूज पर निबंध तथा भाई दूज पर 10 लाइनें इन हिंदी के माध्यम से इस निबंध को पढ़ सकते हैं।
भाई बहन का पवित्र त्यौहार है उत्तर भारत में खासकर मनाया जाता है। देश विदेशों में भी इसे जोरों शोरों से मनाया जाता है।
इस त्यौहार को लेकर कई प्रकार की तैयारियां करते हैं। इस दिन के लिए उत्सुकता बनी रहती है। भाई बहन के रिश्ते को विश्वास दया से भरा जाता है। तुझसे ही हो भाई तुझ पर निबंध हिंदी में के बारे में पूरी जानकारी पाते हैं।
भाई दूज पर निबंध 500 शब्दों में। Essay on Bhai Dooj in Hindi
भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को हिंदू भाई बहनों के द्वारा मनाया जाता है। इसी कारण इस त्यौहार का नाम यम दितीया और भ्रातृ द्वितीया पड़ा।
यह एक संस्कृत शब्द है भ्रातृ का अर्थ होता है भाई और दितीया का अर्थ होता है दूसरा। भाई बहनों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। विवाहित बहन के द्वारा मनाए जाने का प्रचलन है। हिंदू धर्म में लगातार पांच मुख्य त्योहार मनाए जाते हैं।
दीपावली लोकप्रिय त्यौहार है इसके तीसरे दिन भाई दूज के नाम से मनाया जाता है। पांच दिवसीय त्यौहार में शामिल है धार्मिक रूप से यह त्यौहार का महत्व काफी अधिक मानी जाती है।
नरक चतुर्दशी, धनतेरस, दीपावलीी, गोवर्धन पूजा, भैया दूज त्यौहार बड़ी ही धूमधाम व श्रद्धा सुमन के साथ मनाई जाती है। मध्य भारत में इन सभी त्यौहार खास रूप से मनाया जाता है।
सेवा सत्कार करने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। भाई-बहन का दूसरा सबसे पवित्र पर्व माना जाता है। इसके कुछ महीने पहले रक्षाबंधन मनाया जाता है जिसमें बहन भाइयों की प्रेम के रूप में दर्शाई जाती है।
भाई दूज मनाने के पीछे पौराणिक कथाओं को प्रसिद्ध माना गया है। सूर्य की धर्मपत्नी छाया नाम था उनके गर्भ से दो संतान को जन्म दिया।
पहला संतान पुत्र के रूप में यमराज का जन्म हुआ तथा दूसरी बार पुत्री के रूप में जमुना का जन्म हुआ जमुना की शादी होने के बाद अपने पति के साथ रहने लगी। यमुना और यमराज दोनों भाई-बहन के बीच काफी स्नेह वाचक था।
इसी कारण अपने भाई को अपने घर बुलाया, उस निमंत्रण को स्वीकार कर अचानक अपनी बहन के घर पधारे वहां पहुंच कर सेवा सत्कार किया गया। इस सत्कार का बदला चुकाने के लिए उन्हें आशीर्वाद दिया और कुछ मांगने को कहा- जमुना बेन ने इसी तिथि को हर वर्ष आने की प्रार्थना रखी क्योंकि दोनों का प्यार कम ना हो और हमेशा याद करते रहे।
इसी प्रकार प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल के द्वितीय को अपनी बहन के पास पहुंच जाया करते थे। जमुना अपने फर्ज निभाया करती थी। चंदन टीका लगाकर आरती दिखाकर उन्हें स्वादिष्ट भोजन कराती थी।
यही परंपरा बनती चली गई और भाई दूज का महत्व फैलता गया। ग्रेगोरियल के अनुसार अक्टूबर चा नवम्बर के महीने में मनाया जाता है।
भाई दूज छोटे भाई हो या बड़े भाई हो बहन उनको टीका लगाती है।
शादीशुदा बहन इस पर्व को ज्यादा मनाती है। रक्षा करने वाली माला को पहनाती है। तरह तरह के मिष्ठान बनाई जाती है। भाई के आने से लेकर विदा होने तक हर एक सुख दुख का ध्यान रखती है।
अपनी तरफ से खुशियां देती है जिससे उनको यह सब सेवा सत्कार अच्छा लगे भाई का फर्ज होता है कि वे अपने बहन के हर एक चीजों को सराहना करें। भाई के द्वारा उपहार भेंट स्वरूप दान भी दिया जाता है।
भाई बहन का प्यार रक्षाबंधन में देखने को मिलता है इससे कई गुना ज्यादा भाई दूज के उत्सव के रूप में भी देखने को मिलती है।
इससे डर भय दूर रहती है। इस पर्व को मनाने से बहन के घर में सुख शांति सौभाग्य खुलती है। रुके हुए कार्य संपन्न होने शुरू होती है।
बड़े हो जाने के बाद भाई दूज को हर्ष उमंग से मनाते हैं। इससे परस्पर प्रेम बढ़ती है सुख दुख में हमेशा इस दिन की दुआ काम आती है।
यम द्वितीया भैया दूज पर निबंध हिंदी में 10 लाइन। 10 Lines Essay on Bhai Dooj in Hindi
2). बहन अपने से छोटे भाई को भाई दूज के रूप में तो बड़े भाई के लिए भैया दूज के रूप में मनाते हैं।
3). भाई दूज को प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को मनाई जाती है।
4). भैया दूज दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है।
5). भैया दूज और रक्षा बंधन को भाई बहनों के लिए विशेष महत्व रखता है यह दोनों त्यौहार दया और स्नेह को अमर बनाता है।
6). भाई अपने बहन को ना भूल जाए इस उद्देश्य से भैया दूज मनाई जाती है इसे ज्यादातर शादीशुदा बहने मनाना पसंद करते हैं।
7). इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाकर आरती उतारती है।
8). बहने अपने भाई की सेवा सत्कार पूरी लगन के साथ करती है।
9). देश विदेशों में हिंदू बहने पावन पर्व के रूप में मनाती हैं।
10). सभी भाई अपनी खुशी को व्यक्त करने के लिए पैसा व उपहार देता है।