14 अप्रैल - अंबेडकर जयंती पर निबंध। Essay on Ambedkar Jayanti in Hindi
14 अप्रैल - अंबेडकर जयंती पर निबंध हिंदी में
अंबेडकर जयंती या भीम जयंती देश एवं विदेश में बड़े स्तर पर मनाया जाने वाला सबसे बड़ी जयंती मानी जाती है। भारतीय संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को माना जाता है। सामाजिक भेदभाव के शिकार हुए थे। उन सभी परेशानियों से लड़ते हुए। सर्वप्रथम शिक्षा लेना प्रारंभ किया। उसके बाद विदेशों में पढ़ने के लिए चले गए जयंती के आते ही अंबेडकर के प्रशंसक खुशी से झूम उठते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। 14 अप्रैल - अंबेडकर जयंती पर निबंध तथा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म जयंती दिवस पर निबंध 10 लाइन के माध्यम से पढ सकते है।
पिछड़े समाज एवं महिलाएं भीम जयंती को बड़ी धूमधाम से मनाने के लिए इसकी तैयारियां करते हैं। कई लोग इस दिन का इंतजार करते कई दिनों से करते रहते हैं। भारत के महापुरुषों में से एक थे अंबेडकर। सामाजिक बुराई, सामाजिक भेदभाव एवं महिलाओं तथा श्रमिकों के अधिकार दिलाएं। तो चलिए अंबेडकर जयंती पर निबंध हिंदी में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
अंबेडकर जयंती या भीम जयंती पर निबंध 500 शब्दों में। Essay on Ambedkar Jayanti in Hindi
अंबेडकर जयंती को भीम जयंती भी कहा जाता है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन को सेलिब्रेट करने के लिए पूरे भारतवर्ष में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती के रूप में मनाते हैं। लगभग 65 से अधिक देशों में की जयंती के धूम रहती है। अंबेडकर जी का पूरा नाम भीमराव रामजी आंबेडकर था। इन्हें प्यार से बाबासाहेब कह कर सम्मान दिया जाता है। इन्होंने बुद्ध की मार्ग की ओर चलना उचित समझा भारत के महापुरुषों एवं नेताओं में से एक हैं। देश की आजादी मिलने के बाद संविधान को लिखे इसलिए संविधान निर्माता भी कहे जाते है।
कहीं-कहीं समानता दिवस के रूप में भी मनाते हैं क्योंकि अपने जीवन काल में इनको उँच नीच भेदभाव एवं जातिप्रथा का सामना करना पड़ा था। अपनी लगान के बदौलत विदेशों में जाकर पढ़ाई किए अच्छी शिक्षा प्राप्त किए लोगों में समानता लाने की बहुत कोशिश की है। अप्रैल के महीने में उनकी जयंती मनाई जाती है इन्हें सम्मान के साथ विश्व भर में याद किया जाता है।
इनके संपूर्ण योगदान को फिर से याद करने के लिए हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती का जन्म उत्सव मनाया जाता है। पिछड़े वर्ग, महिलाएं, वंचित समाज के द्वारा विशेष रूप से मनाया जाने वाला उत्सव है। बौद्ध धर्म में भी इनकी जयंती को मनाई जाती है। अंबेडकर का कथन था शिक्षित बनो-संघर्ष करो-संगठित रहो ये सबसे महत्वपूर्ण कथन माने जाते है।
अंबेडकर के जन्म भूमि पर जाकर मध्यप्रदेश में उनका अभिवादन करते हैं। किसी किसी राज्य में अवकाश भी रहती है। पहली बार अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल 1928 को मनाई गई थी। पुणे में सदाशिव रणपिसे के द्वारा मनाया गया था। अंबेडकर को दलितों का मसीहा भी कहा जाता है इन्हें भारत रत्न से सम्मान दिया गया था।
अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश राज्य के मऊ में हुआ था। इनका पालन पोषण अंबेडकर के माता-पिता ने किया था। दलित परिवार में पैदा होने की वजह से भेदभाव का काफी शिकार होना पड़ा था। इनके पिता जी का नाम रामजी मालोजी सकपाल था तथा माता जी का नाम भीमाबाई थी। इन्हें चौदहवीं संतान के रूप में अपनाया अछूत जाति में पैदा होने की वजह से सामाजिक एवं आर्थिक रूप से भेदभाव किया जाता था जबकि अंबेडकर के पिता एवं पूर्वज ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में सेना के पद पर काम किया।
इनके पिता ब्रिटिस शासन में भारतीय सेना के रूप में मऊ छावनी में अपना योगदान दिया था। इनके पिता इनके परिवार शिक्षा के प्रति जागरूक थे इसलिए शिक्षा ग्रहण करने पर जोर दिया जाता था। भीमराव अंबेडकर ने शिक्षा पाने के लिए हर संभव तैयार रहते थे। उनकी उत्तेजना भेदभाव का शिकार ज्यादा होने नहीं दिया। प्रतिवर्ष अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल को जन्म उत्सव के रूप में मनाई जाती है। 1960 में मैट्रिक की परीक्षा पास की तुरंत बाद विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। हर जगह दलित वंचित समाज अंबेडकर जयंती को सेलिब्रेशन की तरह मनाते हैं।
भीमराव अंबेडकर पढ़ने में काफी तेज थे इसलिए मुंबई विश्वविद्यालय से b.a. पास किए उसके बाद कोलंबिया विश्वविद्यालय एमए पी एच डी एल एल डी में महारत हासिल की लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में एमएससी में पढ़ाई पढ़ें। अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान को बारिकी तरीका से पढ़ें। इसी के तर्ज पर काम भी किये राष्ट्र निर्माण एवं सामाजिक स्वतंत्रता के लिए वकालत भी की। सामाजिक भेदभाव से तंग आकर सन 1956 में बौद्ध धर्म ग्रहण किया।
इस दिन बड़े बड़े नेता अंबेडकर प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हैं और अभिवादन करते हैं। इस दिन देश के कोने कोने में गांव कस्बों एवं दलित समुदाय में धूमधाम से इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं। शोषित वंचित एवं महिलाओं की लड़ाई लड़ने वाले आंबेडकर को इस समाज का मसीहा कहलाते है। देश में सबसे बड़ी जयंती के रूप में देखा जाता है। इनके घर में लोग इस अवसर पर उनके विचारों एवं पद चिन्हों पर चलने का प्रण किया जाता है।
महाराष्ट्र में अंबेडकर जयंती को बड़े पैमाने पर धूमधाम से मनाया जाता है। किसी किसी राज्य में छुट्टी होती है इसलिए बहुत से राज्य में अवकाश नहीं रहती है परंतु स्कूल, कॉलेजों में एक्टिविटी या प्रतियोगिता की जाती है। नई दिल्ली में उनके जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री राष्ट्रपति तक प्रतिमा को नमन कर उनको याद करते हैं। अंबेडकर से जुड़े स्थानों पर जन्म भूमि बौद्ध दीक्षा भूमि कार्य भूमि समाधि इत्यादि में लोग इकट्ठा होते हैं। शोभायात्रा भी कहीं-कहीं निकाली जाती है ।
अंबेडकर ने दो बार शादियां किए थे रमाबाई अंबेडकर के साथ 1907 में तथा डॉक्टर सविता अंबेडकर से 1948 में शादी हुई। रमाबाई के साथ शादी तब हुई थी जब उस समय बाल विवाह का प्रचलन था तब अंबेडकर की उम्र मात्र 15 वर्ष थी और रमाबाई की उम्र महज 9 वर्ष की थी। 1935 में रमाबाई की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई 15 अप्रैल 1948 को डॉ शारदा कबीर के साथ दूसरी शादी हुई बाद में नाम बदलकर सविता अंबेडकर रखा गया।
अंबेडकर ने कई किताबें सप्ताहिक अखबार वकालत व राजनीतिक दल भी बनाए और छुआछूत सामाजिक भेदभाव व महिलाओं के अधिकारों को दिलाएं। 31 जनवरी 1920 को सप्ताहिक अखबार निकालना शुरू किये थे। इस अखबार का नाम मूलनायक था 1936 में राजनीतिक पार्टी बनाया जिसका नाम स्वतंत्र लेबर पार्टी था।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म जयंती दिवस पर निबंध 10 लाइन। 10 lines Essay on Ambedkar Jayanti in Hindi
1). अंबेडकर जयंती भारतीय संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जन्म तिथि को मनाया जाता है।
2). भारत एवं विश्व भर में अंबेडकर जयंती धूमधाम से मनाई जाती है।
3). अंबेडकर का पूरा नाम डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर था इन्हें बाबा साहब प्यार से कहा जाता है।
4). डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 18 से 91 को मध्य प्रदेश राज्य के मऊ में हुआ था।
5). बाबा साहब के जन्मदिन को भीम जयंती भी कहा जाता है।
6). दलितों वंचित समाज तथा महिलाओं के लिए बहुत सारे काम समाज सुधारक किसके नाम की है एवं उन सभी को समान दिलाया इसलिए भारत के हर लोगों के लिए अंबेडकर जयंती का महत्व होता है।
7). प्रत्येक वर्ष अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।
8). छुआछूत भेदभाव ऊंच-नीच तथा महिलाओं के अधिकार सुरक्षित किया और देश को एक नई दिशा दिए।
9). इस दिन को समानता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
10). दुनिया भर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा जयंती मानी जाती है।
अंबेडकर जयंती के निबंध में क्या जानकारी मिला:-What information was found in Ambedkar Jayanti essay: -
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