नवरात्रि पर निबंध। Essay on Navratri in Hindi
नवरात्रि पर निबंध हिंदी में
नवरात्रि हिंदू धर्म में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। यह नव दिवसीय त्योहार के रूप में हर वर्ष मनाया जाता हैं। नौ देवियों की पूजा का विशेष विधान है। वर्ष में दो बार यह त्यौहार मनाए जाते हैं। हिंदू आस्था का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। देवी दुर्गा का स्मरण किया जाता है। हर राज्य में नवरात्रि को उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। आज नवरात्रि पर निबंध इन हिंदी तथा दुर्गा नवरात्रि पर निबंध इन हिंदी 10 लाइन माध्यम से इस निबंध को पढ़ सकते हैं।
सर्दी शुरू होने से पहले नवरात्रि का त्यौहार आता है। बाजारों, दुकानों में पूजा सामग्री खरीदने की हलचल शुरू हो जाती है। पूजा सामग्री चुनरी कलश लोग खरीदते हैं। इसके पहले रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाए जाता है। तो चलिए नवरात्रि पर निबंध हिंदी में के बारे में देखते हैं।
नवरात्रि पर निबंध 500 शब्दों में। Essay on Navratri in Hindi
नवरात्रि हिंदुओं का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार माना जाता है। इसका महत्व साल का सबसे सुंदर व पवित्र त्योहार के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि का संधि विच्छेद होता है नव + रात्रि। इस शब्द को स्वर संधि का प्रकार माना जाता है। नवरात्रि को नवरात्र भी कहा जाता है। यह संस्कृत का शब्द है दो शब्दों के मेल से बना है। नवरात्र, नव का अर्थ नौ होता है तथा रात्रि का अर्थ रात होता है लगातार नौ राते। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा उपासना की जाती है। भारत के सभी राज्यों में नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू आस्था का सबसे प्यारा पर्व माना गया है। पश्चिम बंगाल में नवरात्रि व दुर्गा जी की विशेष पूजा की जाती है।
नवरात्रि हरेक वर्ष दो मुख्य बार विशेष रीति व महत्त्व विधान के साथ मनाया जाता है। यह पर्व वर्ष में 4 बार आती है। इसमें चैत्र नवरात्रि और अश्विन नवरात्रि का महत्व ज्यादा दिया जाता है क्योंकि चैत्र की कथा मां दुर्गा से जुड़ी हुई है तथा अश्विन माह की कथा भगवान श्रीराम से जुड़ी हुई है। इन दोनों बार मां देवी दुर्गा की पूजा की जाती है क्योकि भगवान राम देवी दुर्गा के सच्चे उपासक माने जाते थे। दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि विधान से की जाती है। नवरात्रि के दसवें दिन को दशहरा के रूप में दुर्गादसवी या विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। जिसमें प्रथम दिन-शैलपुत्री, द्वितीय दिन-ब्रह्मचारिणी, तृतीय को चंद्रघंटा, चतुर्थी दिन-कृष्माण्डा, पंचमी दिन-स्कंदमाता, षष्ठी दिन- कात्यायनी, सप्तमी दिन-कालरात्रि, अष्टमी दिन-महागौरी तथा अंतिम व नौवी दिन-सिद्धिदात्री नामों से क्रमशः दिन पूजे जाते हैं। यह सभी रूप मां दुर्गा के अवतार माने जाते हैं। नवरात्रि नौ दिवसीय त्योहार हैं वार्षिक कैलेंडर के अनुसार पहले नवरात्रि मार्च या अप्रैल के महीने में मनाई जाती है। अश्विन नवरात्रि सितंबर या अक्टूबर के महीने में मनाई जाती है।
अश्विन माह में मनाए जाने वाले नवरात्रि को अष्टमी नवरात्रि या शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। चैत्र माह में मनाए जाने वाले नवरात्रि को चैत्री नवरात्रि कहा जाता है। इन दोनों में सबसे ज्यादा महत्व अश्विन नवरात्रि को ही दिया जाता है क्योंकि इस दिन राम ने रावण का वध कर बुराई का अंत किया था।
मां दुर्गा के अलग-अलग रूप में आकर राक्षसों के वंश को मिटाने लगी थी। इन रूपों में ज्यादा शक्ति होने के कारण महिषासुर के वंश को एक-एक करके मारने लगी इसी तरह प्रत्येक दिन 9 दिनों तक चलता रहा। नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा के रूप में मनाया जाता है। महिषासुर अपना अहंकार के चलते देवलोक पर कब्जा कर लिया और देव के पत्नियों पर अपना अधिकार जमाने के लिए कोशिश किया। दुष्ट राक्षस के गलत नियत से बचने के लिए सभी देवी माता पार्वती के पास गई मां पार्वती को ही दुर्गा का अवतार माना जाता है। मां दुर्गा के नव रूप मिलकर राक्षस को दंड दिया और पूर्ण रूप से हराकर जश्न मनाया। देवी दुर्गा से शक्ति पाने के लिए राम भगवान ने भी देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा कर लंका की ओर सीता माता को बचाने गए लंका के राजा रावण को परास्त करके विजय हासिल किया। इसी खुशी में नवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है।
दुर्गा की अचल शक्ति पाने के लिए नवरात्रि का पर्व मनायी जाती है। शारदीय नवरात्रि वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण नवरात्रि मानी जाती है। यह सितंबर या अक्टूबर के महीने में हमेशा मनाया जाता है।
नवरात्रि का प्रत्येक दिन खास होता है। कई महिलाएं इस दिन व्रत रखती है, केवल फल का सेवन करती है। दिन के अनुसार माता दुर्गा के रूप की पूजा की जाती है। पश्चिम बंगाल में दशहरा का आयोजन भव्य तरीके से होती है। उत्तर भारत में नवरात्रि को हर्षोल्लास से मनाना पसंद करते हैं,कन्याओं को सेवा भी की जाती है, बाल कन्याओं को तैयार करके पूजा के अनेक विधि के बाद मीठे व्यंजन के साथ प्रसाद खिलाया जाता है। इसमें खीर पूरी हलवा शामिल होती है। लाल लाल चुनरि को ओढाया जाता है। नवरात्रि के दिन दुर्गा कलश की स्थापना भी होती है। नवरात्रि के अंतिम दिन का विशेष महत्व होता है इस दिन कन्या पूजन का उत्सव मनाया जाता है।
नवरात्रि ऐसे तो वर्ष में 4 बार मनाया जाते हैं लेकिन ज्यादा महत्व दो नवरात्रि को ही दिया गया है। भारत के सभी राज्य में हिंदुओं के द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ी आस्था मानी जाती है। नवरात्रि के उत्सव में गुजरात राज्य में डांडिया खेली जाती है। डांडिया एक प्रकार का नाच है इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल होती है महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाते हैं। मनोकामनाओं को मांगने के लिए कई लड़कियां महिलाएं नवरात्रि व्रत को रखती है।
दुर्गा नवरात्रि पर निबंध इन हिंदी 10 लाइन। 10 Lines Essay on Navratri in Hindi
1). नवरात्रि हिंदुओं का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार माना जाता है।
2). नवरात्रि वर्ष में दो प्रमुख बार मनाई जाती है। चैत्र नवरात्रि तथा अश्विन नवरात्रि को हर वर्ष मनाई जाती है।
3). अश्विन नवरात्रि का महत्व विश्व भर के लिए होता है।
4). नवरात्रि के दिन कलश स्थापना की जाती है।
5). नवरात्रि से नौवा दिन तक यानी महानवमी तक नौ रूपों की देवियों की पूजा की जाती है।
6). नवरात्रि से दुर्गा जी का शुभ दिन शुरू हो जाता है।
7). नवरात्रि का अर्थ होता है नौ रात यानी नौ रात तक दुर्गा की पूजा उपासना करना।
8). दशहरा के नौ दिन पहले नवरात्रि मनाई जाती है उसके बाद महा सप्तमी, महाअष्टमी, महानवमी, अंत में विजयदशमी मनाई जाती है।
9). अश्विन महीना में मनाया जाने वाला नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। ये नवरात्रि सबसे प्रमुख होता है।
10). भारत के हर राज्य में नवरात्रि को श्रद्धा भक्ति से मनाया जाता है यह हिंदू आस्था का पवित्र पर्व है।
नवरात्रि के निबंध में क्या जानकारी मिला:-What information was found in Navratri essay: -
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