गुडफ्राइडे क्या है? क्या आप कभी इस त्यौहार को मनाएं हो या फिर इसके बारे में आप लोगों में से कितने लोग जानते हो कि यह कौन मनाता है. हम सब जानते हैं कि विश्व में ईसाई की आबादी सबसे ज्यादा है. भारत में शायद कम हो सकता है लेकिन शहरों में विशेष रूप से चर्च में गुड फ्राइडे का त्यौहार मनाया जाता है. इसमें क्रिसमस तो गली-गली में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन यीशु मसीह का जन्म हुआ था खुशी का पर्व है लेकिन गुडफ्राइडे एक शोक ( दुःख ) पर्व है इसलिए इसे शांत ढंग से मनाया जाता है जिससे अन्य लोग नहीं जान पातें हैं. शायद आज जान पाएंगे कि गुड फ्राइडे क्यों और कैसे मनाया जाता है व गुडफ्राइडे का इतिहास का महत्व क्या है? ऐसे सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है और जानेंगे गुड फ्राइडे कब है 2021 में?
प्रमुखताएं ( Highlights )
• गुड फ्राइडे यानी पवित्र शुक्रवार को येसु क्रूस पर प्राण त्यागे थे.
• वर्ष 2022 में गुड फ्राइडे 15 अप्रैल ( शुक्रवार ) को मनाया जाएगा. यह वर्ष का सबसे पवित्र दिन होता है.
• यीशु मसीह सारे जगत से प्रेम किया. इसी प्रेम की खातिर क्रॉस पर जान देकर निभाया. विश्व भर की कलीसिया दुख के पर्व के रूप में मनाती है.
संक्षेप में क्या है गुड फ्राइडे? short Good friday kya hai?
शांति के दिन को गुड फ्राइडे कहा गया है विश्व भर के क्रिश्चियन चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं. चालीसा काल के सबसे अंतिम दिन को ही गुड फ्राइडे कहा जाता है. इसी दिन कलवारी के पहाड़ों पर क्रूस ( सूली ) पर यीशु मसीह प्राण त्यागे थे इसी को शोक के रूप में प्रकट करने के लिए मसीह अनुयायी गुड फ्राइडे मनाता है. इस दिन को पवित्र शुक्रवार के रूप में भी जानते हैं. सभी चर्च में क्रूस रास्ता या क्रूस की यात्रा किया जाता है. यीशु की प्राण दण्ड की आज्ञा मिलने से लेकर मरण तथा दफनाए जाने तक का सफर शामिल होता है. इसकों पूरे 14 स्थान में बांटा गया है.
गुड फ्राइडे क्या है? Good friday kya hai?
गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है. ईसा मसीह का दुख का दिन माना जाता है. त्याग, तपस्या, उपवास रखकर क्रिश्चियन लोग गुड फ्राइडे का त्यौहार मनाते हैं. इसी दिन ईसा मसीह को कलवारी पर्वत पर सूली पर चढ़ाया गया था और क्रूस पर ही अपना प्राण त्याग दिए थे. इन्हीं दुःखो को याद करते हुए गुड फ्राइडे का त्यौहार मनाते हैं. प्रत्येक वर्ष गुड फ्राइडे मनाया जाता है जो हमेशा शुक्रवार को आती है. पूर्ण चंद्रमा के दिन जो 20 मार्च और 25 अप्रैल के बीच में आता है. इसी तिथि को पुण्य शुक्रवार को ही गुड फ्राइडे कहा जाता है. हिंदी में पुण्य शुक्रवार कहा जाता है, अंग्रेजी में गुड फ्राइडे कहा जाता है. गुड फ्राइडे को ही ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे, होलि फ्राइडे, पुण्य शुक्रवार, पवित्र शुक्रवार, महाशुक्रवार के नाम से भी जाना जाता है. गुड फ्राइडे वाले सप्ताह को पवित्र सप्ताह कहते हैं इसलिए दुनियाभर में लगभग सभी देशों में छुट्टी रहती है. अमेरिका, रूस, कनाडा, फ्रांस, भारत, ब्रिटेन जैसे देशों में छुट्टी रहती है.
गुड फ्राइडे कब मनाया जाता है? Good friday kab manaya jata hai?
गुड फ्राइडे चालीसा काल के अंतिम दिनों के समाप्त होने के दौरान मनाई जाती है यानी जिस दिन समाप्त होने को रहती है. उस दिन को ही पवित्र शुक्रवार आती है इसी दिन गुड फ्राइडे मनाया जाता है. पवित्र सप्ताह में आने वाले शुक्रवार को ही गुड फ्राइडे मनाई जाती है. चन्द्र पूर्णिमा तथा वसंत विषुव के बाद आने वाले फ्राइडे को मनाया जाता है. ईस्टर सैटरडे के पूर्व दिन को आती है. खजूर इतवार, पुण्य बृहस्पतिवार, पुण्य शुक्रवार ( गुड फ्राइडे ) पुण्य शनिवार क्रमश: त्यौहार आते हैं.
गुड फ्राइडे कब है 2021 में? Good friday kab hai 2021 mein?
वर्ष 2022 में गुड फ्राइडे 15 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस माह के पांचवा शुक्रवार को पड़ रहा है. पिछले वर्ष 2021 में गुड फ्राइडे 2 अप्रैल को मनाया गया था.
2022 में गुडफ्राइडे - 15 अप्रैल - शुक्रवार - पाँचवा शुक्रवार
2021 Good friday - 2 April - Friday - 5thFriday
अगले 5 वर्ष के गुडफ्राइडे कब है? agale 5 varshon ka Good friday kab hai?
वर्ष तिथि दिन
2022 15 अप्रैल शुक्रवार
2023 07 अप्रैल शुक्रवार
2024 29 मार्च शुक्रवार
2025 18 अप्रैल शुक्रवार
2026 03 अप्रैल शुक्रवार
गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है? good friday kyu manaya jata hai
गुड फ्राइडे एक पवित्र त्यौहार है. जीसस क्राइस्ट की कुर्बानी को याद करने के लिए पवित्र शुक्रवार को मनाया जाता है. पृथ्वी पर पाप, बुराई की संगत बढ़ गई मनुष्य के द्वारा घोर पाप किया जाने लगा था जिससे कई बीमारियां शैतानी ताकत सताने लगे. अंधकारमय जीवन बुराई से त्रस्त होने लगे इसलिए परमेश्वर स्वयं मनुष्य बन कर पृथ्वी पर जन्म दिया. मनुष्य के सारे गुनाहों को माफ करने बीमारियों से आजादी दिलाने के लिए जिससे पापों के प्रायश्चित कर सके.
परमेश्वर ने मनुष्य से इतना प्रेम किया तो उन्होंने अपने इकलौते पुत्र को समर्पित कर दिया. उन्हें मनुष्य के पाप के बदले दुख का बोझ उठाने के लिए भेजा इसलिए यीशु मसीह को साजिश करके मृत्युदंड दिलाया जबकि जीसस क्राइस्ट का कोई अपराध नहीं था. मृत्युदंड की आज्ञा के बाद उन्हें काटो का मुकुट सिर पर पहनाया गया कोड़ों की मार से लहूलुहान कर दिया क्रूस ढोते हुए कलवारी के पहाड़ पर ले जाने लगे. रास्ते में येसु को मारते पीटते एवं भारी अपमान करते हुए ले गए.
लोहे की कील से क्रूस पर ठोका गया ठीक दोपहर के समय यीशु क्रूस पर प्राण त्याग देते हैं. आमेन. मरने के तुरंत बाद पृथ्वी पर अंधेरा छा गया. पृथ्वी कंपन से थर्रा उठा समुद्र की लहरें कई फीट ऊंची उठने लगी, ऐसी अनेक प्राकृतिक घटनाएं घटी जिससे सारे मनुष्य डर गए. सैनिक उन्हें ईश्वर का पुत्र बताया. इन्हीं दुःखभोगो के कारण गुड फ्राइडे मनाते हैं.
गुड फ्राइडे कैसे मनाया जाता है? Good friday kaise manaya jata hai?
गुड फ्राइडे में किसी प्रकार की खुशियां या उत्सव नहीं मनाए जाते हैं. येसु के दुख के समय चर्च में विशेष प्रार्थना करते हैं. ईसाई लोग सुबह से लेकर शाम तक उपवास करते हैं. 18 से ज्यादा उम्र वाले लोग ज्यादातर उपवास किया करते हैं. क्रूस की यात्रा दोपहर को होती है इस यात्रा में यीशु के मुख्य दृष्टांत को दिखाया जाता है. 14 स्थान होते हैं उसके आगे जा जाकर उस स्थान पर प्रार्थना करते हैं. उसके बाद होलि मास यानी मिस्सा पूजा किया जाता है. कहा जाता है येसु के मरने से लेकर जी उठने के पहले तक घंटी नहीं बजाई जाती है इसके बदले काट या लकड़ी से घंटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इस दौरान क्रूस चुम्मन भी किया जाता है. दुख के गीत गाए हैं और योग्य रीति से प्रार्थना सभा देर रात तक करते हैं. अपने लिए प्रार्थना करते हैं, आशीष मांगते हैं, चंगाई प्रार्थना भी की जाती है.
गुड फ्राइडे का इतिहास व कथाएं! Good friday ka itihas va pauraanik kathaen!
प्रभु येसु जी ने अपने चेलों को बताए थे कि इन्हीं लोगों में से मुझे पकड़वाकर महायाजकों के हवाले कर देगा और मेरा तिरस्कार भी करेगा और हुआ भी ऐसा जब चुदस ने चांदी के 30 सिक्के लेकर यीशु को पकड़वाने के लिए चुंबन किया और सैनिकों को पकड़ लेने को कहा यीशु को पकड़कर अन्नायास के पास लेकर आए और झूठी तरीकों से येसु को सजा देने की मांग किया. लेकिन यहां से कुछ परिणाम ना निकलने के कारण काइयाफस प्रधानायाजक के पास ले गया. तब प्रधानायाजक ने येसु से कहा सर्वशक्तिमान ईश्वर के खातिर यदि तुम मसीह हो तो बता दो कि तुम ही ईश्वर के पुत्र हो येसु ने उनसे कहा कि आप शायद सही कह रहे हैं. आप सब इस मानव पुत्र को सर्वशक्तिमान ईश्वर के दाहिने और बैठा हुआ और बादलों के बीच आता हुआ देखोगे.
इन बातों पर उन्हें ईश निंदा का दोष लगाकर और लोगों की राय ली कि इन्हें क्या करना है लोग बोले इन्हें मृत्युदंड दो यीशु को मारते पीटते और अपमान करते हुए ले जा रहे थे. तो रास्ते में पेत्रुस मिला और उनसे पूछा कि तुम यीशु को जानते हो लोगों के बीच अस्वीकार कर दिया. तीसरी बार पूछने पर भी पहचान नहीं पाया जिससे मुर्गों की बाग स्पष्ट सुनाई पड़ी और यीशु का कथन स्मरण किया मुर्गे की बाग देने से पहले तुम मुझे तीन बार अस्वीकार करोगे भोर के समय यीशु को रोमन के राज्य के राज्यपाल पिलातुस के पास लाये और तरह-तरह के झूठे आरोप लगाया और बोला यीशु को भी कानून के अनुसार से ही फांसी दी जा सकती है क्योंकि पहले कोई दण्ड नहीं दिया और न हीं रोमन के लोगों ने फांसी की मांग की.
इसलिए पिलातुस से बोले इन्हें किसी ने भी फांसी देने की अनुमति नहीं दी है. पिलातुस बारिकी तरीकों से दोष की पुष्टि कराने के लिए राजा हेरोप के पास भेजा हेरोद को भी दोष का पता न चलने पर वापस पिलातुस की सभा में भेज दिया. येसु में कोई दोष ना पाकर तथा महायाजको की इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें कोड़े मारकर छोड देने का आदेश दिया. यीशु को छोड़े जाने के कारण महायाजक नाराज हो गए और तब पिलातुस ने उनसे कहा कि आप लोग क्या चाहते हो तो महायाजक संग लोग एक सुर में बोलने लगा कि इसे क्रूस दिया जाए इसे क्रूस दिया जाए लोगों की आवाज सुनकर बोला कि इसमें कोई गलती नहीं पाया और तब पिलातुस हाथ धोकर क्षमा मांगा और बोला आप अपने अनुसार जो करना चाहे वो करें पुरोहितों ने मिलकर मृत्युदंड देने का निर्णय लिया. राज्यपाल के सैनिकों ने पुरोहितों के अनुसार उन्हें कपड़े उतार कर लाल कपड़ा वाले चोंगा पहनाया और काँटों का मुकुट सर पे गुथा जिससे खून की धारा बहने लगी उन्हें ये कहते हुए ले जा रहे थे.
यहूदियों का राजा तेरी जय हो सिमोन ने यीशु को क्रूस उठाने पर मजबूर किया. इस दौरान तीन बार गिरे और बीच में ही प्राण न तोड़ दे इसलिए सैनिकों ने उनके क्रूस उठाने में मदद किया.
कलवारी पहाड़ नामक जगह पर पहुंचते ही उन्हें क्रूस पर ठोका और साथ में दो डाकुओं को भी क्रूस पर चढ़ाया हुआ था तब जीसस ने उन सबों के लिए ईश्वर से क्षमा मांगा और बोले हे पिता इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि यह क्या कर रहे हैं .
इस प्रकार परमेश्वर की भविष्यवाणी भविष्य वक्ताओं द्वारा सैकड़ों वर्ष पूर्व की गई भविष्यवाणी पूरी हुई दोपहर हुई तो पूरे प्रदेश में तीन घंटों तक अंधेरा छा गया लोग इधर-उधर भागने लगे. यीशु अपनी आत्मा पिता ईश्वर को सौंप कर इसके बाद यीशु मसीह ने अपना दम क्रूस पर ही तोड़ दिया.
धरती कॉपने लगा बिजली जोरो से गरजने लगी चटाने फट गयी. मंदिर का पर्दा फट गया समुद्र की लहरें ऊंची छलांग मारने लगा. पशु पक्षी की आवाज सुनाई पड़ने लगी जिससे लोगों में भयभीत होकर बोले आप सचमुच ईश्वर के पुत्र है पिलातुस को खबर हो गई कि वह मर चुके हैं तो सैनिकों द्वारा उतारकर मरियम को सौंप दिया जिससे कपड़े में लपेटकर दफना दिया गया इस तरह से मनुष्य जाति के लिए तथा मुक्ति देने के लिए येसु अपना बलिदान दिए इसी दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है.
गुड फ्राइडे का महत्व क्या है? Good friday ka mahatva kya hai?
पवित्र सप्ताह के शुक्रवार के दिन को गुड फ्राइडे या होली फ्राइडे कहा जाता है. इस दिन पश्चाताप करने से पापों से मुक्ति मिलती है. दुख संकट से मुक्त होते हैं यीशु मसीह के पास पहुंचते हैं और सत्य को जान पाते हैं. इस दिन विशेष प्रार्थना से सत्य मार्ग और जीवन को पाते हैं इसलिए येसु जी का दुख से शांति मिलती है जिससे पापो का जीवन त्याग कर यीशु के मार्ग पर चले जिससे अनंत जीवन प्राप्त होती है. यह त्यौहार दुखित मन से पूरी दुनिया में मनाया जाता है. ईसाई बहुल देशों में गुड फ्राइडे का त्यौहार सच्ची विश्वास के साथ मनाया जाता है.
गुड फ्राइडे का मतलब क्या होता है? Good Friday ka matalab kya hai?
गुड फ्राइडे का अर्थ होता है यीशु मसीह ने पिलातुस के समय दुःख उठाया पापी मनुष्य के द्वारा क्रूस पर ठोका गया आत्मा को परमेश्वर के हाथों सौंप कर प्राण त्यागे उसके बाद कब्र में दफनाए गए फिर तीसरे दिन मृतको मे जिलाये जाएँगे.
गुडफ्राइडे के बारे में क्या सीखा? Good Friday ke bare mein main kya sikha?
गुडफ्राइडे के बारे में आज बहुत कुछ सीखने जानने को मिला कि गुडफ्राइडे क्यों और कैसे मनाया जाता है व इसका इतिहास का महत्व क्या है? साथ में गुडफ्राइडे कब है 2021 में? यह सब संपूर्ण रुप से जानकारी मिली.